महासमुन्द/छत्तीसगढ़(रविन्द्र विदानी): महासमुन्द जिले के वन परिक्षेत्रों में लगातार आग लग रही है। वनों में आग की वजह से वन्य जीव और वन्य सम्पदा को भारी नुकसान हो रहा है। वनों में आग लगने से कितना नुकसान हो रहा है, इसका आकंड़ा वन विभाग के पास नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग हर साल लगती है और इस आग से बचने के उपाय भी लगातार किया जा रहा है। वन विभाग वन में लगने वाले आग को काबू करने में इसलिए भी नाकाम हो रहे हैं क्यों कि जिले लगभग 150 कर्मचारी अपनी 11 सुत्रीय मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है और पिछले एक सप्ताह के भीतर जिले के लगभग 30 वन्य क्षेत्रों में आग लग चुकी है।
आपको बता दें, पिछले दिनों पिथौरा वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 241 और 242 में भीषण आग लगने से बेस कीमती सागौन की लकडिय़ों की तस्करी होने की बात कही जा रही है। वन विभाग के डीएफओ पंकज राजपूत का कहना है कि वन में लगने वाले आग को रोकने के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोटवार के माध्यम से गांव में मुनादी भी करा दी गई है। कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के बाद उनके स्थान पर वैकल्पि व्यवस्था करने की बात भी कर रहें हैं। वन विभाग वन में लगने वाले आग से होने वाले नुकसान और तस्करी की बात को भले ही नकारते रहे हैं, पर वन परिक्षेत्रों में आग की वजह से लाखों करोड़ों का नुकसान वन विभाग हो रहा है। वन सम्पदा सहित वनों से बेस कीमती इमारती लकडिय़ों की तस्करी हो रही है।
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