Goa Politics: गोवा में 2022 में कांग्रेस छोड़कर बीजेुपी में शामिल हुए कांग्रेस के आठ बागी विधायक अयोग्य घोषित नहीं होंगे। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने कांग्रेस के पूर्व प्रमुख गिरीश चोडानकर की अयोग्यता याचिका खारिज कर दी।गोवा कांग्रेस पूर्व प्रमुख ने विधायक दिगंबर कामत, एलेक्सो सेक्वेरा, संकल्प अमोनकर, माइकल लोबो, डेलिलाह लोबो, केदार नाइक, रुडोल्फ फर्नांडीस और राजेश फलदेसाई के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी।आठ विधायक 14 सितंबर, 2022 को बीजेपी में शामिल हो गए, जिससे 40 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ दल की ताकत 28 हो गई।
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कांग्रेस के टिकट पर जीता चुनाव- चोडानकर ने याचिका में मांग की थी कि विधानसभा अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 191 के साथ दसवीं अनुसूची के पैरा-दो के तहत आठ विधायकों को इस आधार पर अयोग्य घोषित करें कि उन्होंने मूल पार्टी (कांग्रेस) की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ दी थी। इन विधायकों ने कांग्रेस के टिकट पर गोवा विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इस मामले में मूल राजनैतिक दल का कोई वैध विलय नहीं है।
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विधानसभा अध्यक्ष ने दी ये दलील- आठ विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील पराग राव ने दलील दी कि अध्यक्ष ने 14 सितंबर 2022 को एक पत्राचार के माध्यम से कहा कि आठ विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल का बीजेपी में विलय करने का प्रस्ताव पारित किया है। राव ने आगे कहा कि बीजेपी ने इस विलय को स्वीकार कर लिया है, क्योंकि उसने इनमें से कुछ विधायकों को राज्य सरकार में मंत्री बनाया है।अध्यक्ष तावड़कर ने उनकी याचिका खारिज करते हुए फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि निर्वाचित सदस्य की मूल राजनैतिक पार्टी का किसी दूसरे राजनैतिक पार्टी में विलय होने पर निर्वाचित सदस्य को किसी भी स्थिति में अयोग्यता का सामना नहीं करना पड़ेगा, यानी चाहे वो विलय के साथ जाना चाहे या उससे असहमत हो। तावड़कर ने फैसला सुनाया कि विलय के मामले में दलबदल के आधार पर अयोग्यता लागू नहीं होगी।