हरियाणा के लिए आज का दिन बेहद ही अहम रहा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बतौर वित्त मंत्री ने हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में अमृत काल में हरियाणा का पहला बजट प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के नाते हरियाणा के इतिहास का आज तक का सबसे बड़ा बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया और बजट में कोई नया कर भी नहीं लगाया गया।
आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का चौथा दिन, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में हरियाणा 2023-24 का बजट पेश किया। हरियाणा उस मुहाने पे खड़ा हैं जहां तमाम सारे तबके अपने अपने क्षेत्र में उम्मीद लगाए हुए है। ये बजट कई पहलुओं से खास है। जिसमें इंस्फ्राट्रक्चर, विकास युवा रोजगार, महिलाओं की प्राथमिकता और किसानो को सौगात मिली है। विकास कार्यों में तेज गति लाने के लिए भी औऱ भी नई राहों की पेशकश की गयी हैं। तो ऐसे कई पहलुओं से ये बजट अपने आप में मायने रखता है।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इतिहास का आज तक का सबसे बड़ा बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। उन्होंने बजट प्रस्तुत करते हुए वृद्धावस्था पेंशन में 2,750 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन पात्रता आय 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा की। सरकारी आई.टी.आई. में प्रवेश लेने वाली 3 लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाली हर लड़की को 2,500 रुपये वित्तीय सहायता दी जाएगी।
सीएम ने वर्ष 2023-24 के लिए कोई नया कर नहीं लगाए जाने को कहा। इसे अमृतकल का पहला बजट बताया। बजट दस्तावेज तैयार करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया गया और उनसे मांगे गए सुझावों को शामिल किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023-24 के बजट आवंटन को सतत् विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) से संरेखित किया है। राज्य में लागू किए जा रहे एसडीजी की प्राप्ति के उद्देश्य से 1,83,950 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 1,20,958 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो कि 65.8 प्रतिशत है। यह आवंटन उन स्कीमों के लिए किया गया है, जो सतत् विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बजट अन्य वित्त वर्षों के बजट से हटकर है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा के सरकार ने बढ़ते पूंजीगत परिव्यय पर ध्यान केन्द्रित किया है। हरियाणा उन तीन राज्यों में से एक है, जिनका पूंजीगत परिव्यय बजटीय लक्ष्यों की तुलना में अधिक था, जबकि देश के सभी राज्यों का औसत लक्ष्य से 21.3 प्रतिशत कम था। इस वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लगभग 7500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पर्याप्त पूंजी निवेश करके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह अनुमान है कि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आगामी वित्त वर्ष में लगभग 7500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि अंत्योदय उत्थान की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराते हुए हरियाणा सरकार द्वारा दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत परिवार पहचान पत्र डाटा के आधार पर 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के समय व्यक्ति की आयु के आधार पर सहायता प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 6 वर्ष की आयु तक 1 लाख रुपये, 6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक 2 लाख रुपये, 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 वर्ष से अधिक और 40 वर्ष तक 5 लाख रुपये तथा 40 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 2 लाख रुपये सहायता प्रस्तावित की गई है। इस लाभ में 18-40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मिलने वाली 2 लाख रुपये की राशि भी शामिल होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा का डीबीटी पोर्टल सितंबर, 2017 में परिचलन में आया था। डीबीटी पोर्टल पर 142 योजनाएं ऑनबोर्ड की गई, जिनमें से 58 केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं और 84 राज्य की योजनाएं हैं। वर्ष 2022-23 में दिसंबर, 2022 तक लाभग्राहियों को 11,250 करोड़ रुपये का डीबीटी के माध्यम से अंतरण किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कम पानी की खपत के लिए धान की सीधी बिजाई हेतु 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता दी जा रही है। खरीफ-2022 में, 72,000 एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बुवाई के तहत लाया गया और 29.16 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों को दी गई। इससे राज्य में 31,500 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई है। वर्ष 2023-24 में धान के अधीन 2 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बिजाई के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें सदन को बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य के किसानों ने पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के आह्वान के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और राज्य के किसानों ने एक्टिव फायर लोकेशन (एएफएल) में पराली जलाने की घटनाओं में 48 प्रतिशत तक की कमी की है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से सराहना हुई है।
उन्होंने कहा कि एक अनूठी पहल के तहत सरकार किसानों को प्रोत्साहन सहित निर्धारित सेवा क्षेत्रों में नामित एजेंसियों द्वारा धान की पराली की खरीद के लिए 1000 रुपये और पराली प्रबन्धन से सम्बंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपये प्रति टन की सरकारी दर को अधिसूचित करेगी। इसके अलावा, राज्य में थर्मल पावर प्लांट भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ पेलेट के रूप में धान की पराली बायोमास का उपयोग करेंगे। पानीपत में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा स्थापित 2जी-इथेनॉल संयंत्र चालू हो गया है और इथेनॉल उत्पादन के लिए धान की पराली का उपयोग करेगा।