हरियाणा सरकार और इको ग्रीन कम्पनी को कोर्ट की फटकार, लगा 100 करोड़ रुपये का जुर्माना

(करण जयसिंह): पर्यावरण को हुए नुकसान पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल को आदेश जारी किए हैं कि एक महीने के अंदर यह राशि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करवाई जाए। इस राशि को पर्यावरण उत्थान में खर्च करने के लिए 9 सदस्यीय एक कमिटी का गठन किया है। एनजीटी ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड यदि अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर रही है तो एग्रिमेंट की शर्तों के मुताबिक कार्रवाई करके एजेंसी को बदला जाए।

एनजीटी ने कहा कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से 20 सितंबर को दी रिपोर्ट में कहा है कि अरावली पर्वत श्रृंखला में कूड़ा डाला जा रहा है। एनजीटी ने कमिटी को आदेश जारी किए कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई अमल में लायी जाए। वहीं एनजीटी ने पर्यावरण उत्थान के लिए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमिटी का गठन किया है। इसमें अर्बन लोकल बॉडी और इनवायरमेंट डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी शामिल रहेंगे। कमिटी में गुड़गांव और फरीदाबाद के डीसी और नगर निगम कमिश्नर, गुड़गांव मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारी और सीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शामिल हैं। गुड़गांव नगर निगम कमिश्नर को कोर्डिनेटर नियुक्त किया है। 2 सप्ताह में कमिटी को बैठक करके एक्शन प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं और 30 दिसंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।

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एनजीटी ने कमिटी को आदेश जारी किए हैं कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बंधवाड़ी सॉलिड वेस्ट प्लांट के संचालन को लेकर किए जा रहे कार्यों की जांच हो। इस दौरान यह देखना होगा कि एग्रिमेंट की शर्तों के मुताबिक कार्य किए जा रहे हैं या नहीं। यदि कंपनी जांच में फेल पाई जाती है तो यह कार्य किसी दूसरी कंपनी को अलॉट किया जाए। इसे इमरजेंसी की तरह लिया जाए। पारदर्शिता बरतते हुए किसी दूसरी कंपनी को कार्य दिया जाए। एनजीटी ने बंधवाड़ी सोलिड वेस्ट प्लांट पर कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि आस पास कोई वैकल्पिक जमीन तलाश की जाए। अस्थायी तौर पर उधर कूड़ा एकत्रित किया जाए। यदि प्लांट लगाने की आवश्यकता हो तो इनवायरमेंट क्लीयरेंस के चक्कर में नहीं पड़ें। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नया प्लांट लगाया जाए।

एनजीटी ने एक जांच कमिटी का गठन किया था। कमिटी ने रिपोर्ट दी कि मौके पर 38 मीटर ऊंचा कचरे का पहाड़ है। 33 लाख मिट्रिक टन कचरा पड़ा है। फरीदाबाद से 900 टन प्रतिदिन और गुड़गांव से 1100 टन प्रतिदिन कचरा पहुंच रहा है। 15000 मिट्रिक टन प्रतिदिन कचरा निपटान के उपकरण लगाने थे, जिसकी पालना नहीं हुई। दिसंबर, 2023 में सारा कचरा ट्रीट करने की बात तो चीफ सेक्रेटरी की तरफ से की गई, लेकिन उपकरण नहीं बढ़ाए गए।

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