(प्रदीप कुमार): राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में कांग्रेस आलाकमान ने एक्शन लिया है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और संचेतक महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने तीनों को अनुशासनहीनता का दोषी माना है। कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार रात तीनों नेताओं को नोटिस जारी किए।
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अशोक गहलोत पर कोई एक्शन नहीं लिया है। माना जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में आलाकमान ने गहलोत की कोई भूमिका नहीं मानी इसलिए उन्हें फिलहाल क्लीनचिट दे दी है, लेकिन इसके अन्य कारण भी बताए जा रहे हैं।एक इससे राज्य में खुली बगावत भी हो सकती थी जबकि दूसरा अध्यक्ष पद के दावेदार पर किसी जल्दबाज़ी की कार्यवाई का गलत मैसेज भी जाता।
अगर सोनिया गांधी के साथ अशोक गहलोत की बैठक के बाद भी राजस्थान के सियासी संकट का पटाक्षेप नहीं होता है तो कांग्रेस हाईकमान खुद से फैसला ले सकता है।इस विवाद की तस्वीर 30 सितंबर तक साफ हो सकती है। इसी दिन तक अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया जा सकता है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर 30 सितंबर को नामांकन भरेंगे जबकि पवन बंसल ने भी दो नामांकन पत्र लिए है हालांकि ये साफ नही है कि ये नामांकन पत्र उन्होंने खुद के लिए लिए है या अन्य के लिए।
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इसके अलावा कांग्रेस हाईकमान ने अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए मीरा कुमार, मल्लिकार्जुन खड़गे, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक जैसे नेताओं को भी तैयार रहने को कहा है। दिग्विजय सिंह 29 सितंबर को नामांकन कर सकते हैं।दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे
दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस हाईकमान नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहता था। इसके लिए गहलोत की जगह किसी दूसरे को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना था। इसके लिए होने वाली विधायक दल की बैठक से पहले राज्य में घमासान शुरू हो गया। इस घमासान के चलते गहलोत की दावेदारी खतरे में पड़ गई। दो दिन के घमासान के बाद मंगलवार को अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की और सफाई भी पेश की।
कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान कांग्रेस के तीन नेताओं महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। ये तीनों गहलोत गुट के हैं। इन सबके बीच हाईकमान ने एक अशोक गहलोत को क्लीनचिट देकर अध्यक्ष पद पर उनकी दावेदारी पर सस्पेंस भी बरकरार रखा है।