(प्रदीप साहू) चरखी दादरी: अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में 19 मार्च को पंचकूला में फिर से आरक्षण का मुद्दा उठाया जाएगा। अधिवेशन में देशभर के जाट संगठनों के साथ-साथ खाप पंचायतों को आमंत्रित किया गया है। जाट समुदाय के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 19 मार्च को पंचकूला में राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में जाट समुदाय के सभी राजनीतिक दलों के लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। इस बार जाट समाज एकजुट हाेकर अपना हक लेने की रणनीति तैयार करेगा।
यह निर्णय फौगाट खाप की अगुवाई में दादरी के स्वामी दयाल धाम पर राष्ट्रीय जाट महाधिवेशन को लेकर हुई मीटिंग में लिया गया। महाधिवेशन के संयोजक पीएस कलवानिया व राम अवतार ने संयुक्त रूप से कहा कि अधिवेशन में विदेश से भी समुदाय के लोग पहुंचेंगे। कहा कि कैबिनेट में जाट समाज का एक भी आदमी नहीं है जहां पहले चार से पांच कैबिनेट मंत्री जाट समुदाय के होते थे। ऐसे में पिछले 10-12 साल से सामाजिक व राजनीतिक रूप से जाट समाज में जो गिरावट आई है। पहले जाट समाज का जो ताना-बाना था, वह कहीं दूर जाकर छिटक गया है। पूरे देश के अंदर हमारे नेतृत्व क्षमता के ऊपर जो शक किया जा रहा है उसे दूर किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि सामाजिक रूप से जाट समुदाय को जिस ताकत के रूप में जाना जाता था, वह सामाजिक ताकत अब खत्म होती जा रही है। इसलिए जाट आज राजनीतिक झंडे व डंडे में बंट कर रह गया है। ऐसे में प्रयास किया जा रहा है कि जाट समुदाय का नेतृत्व साबित किया जाएगा। देश के साथ-साथ विदेश में रहने वाले लोग भी 19 मार्च को होने वाले कार्यक्रम में पहुंचेंगे। जाट समुदाय के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने के लिए डाक्यूमेंट्री भी बनाई जा रही है। इसमें महाराजा सूरजमल के साथ-साथ चौधरी छोटू राम की भी डाक्यूमेंट्री बना रहा है। वहीं समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए भी प्रयास जारी है।
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