दिल्ली (अवैस उस्मानी): कुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवी देवताओं को स्थापति कर पूजा के अधिकार की मांग करने की अर्जी पर दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज मामले की सुनवाई टल गया, मामले में खुद को पक्षकार बनाने के मांग करने वाले महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह के वकील कोर्ट में नही पेश हुए, साकेत कोर्ट ने चेतावनी देते हुए याचिकाकर्ता को बहस करने के लिए अंतिम मौका देते हुए मामले की सुनवाई टल गई, साकेत कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
कुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवी देवताओं को स्थापित कर पूजा के अधिकार की मांग के मामले में आज पुरातत्व विभाग ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। ASI ने अपने जवाब में कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद की ओर से दाखिल की गई अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि इस अर्जी को सुनने का कोई औचित्य नहीं है, ASI ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से जिस जमीन के मालिकाना हक की बात कही जा रही है उस जमीन के मालिकाना हक को लेकर भारत को आजादी मिलने यानी 1947 के बाद से किसी भी कोर्ट में न तो अपील दायर की गई और न ही कानून के मुताबिक मांग की गई।
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ASI ने साकेत कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कोर्ट से आर्डर 1 रूल 10 के तहत कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद की अर्जी को खारिज करने की मांग की, दरअसल आर्डर 1 रूल 10 के तहत कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद की ओर से दाखिल की है, उन्होंने इस मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है, नई अर्जी में कहा कि याचिकाकर्ता महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह तत्कालीन आगरा प्रांत के वारिस हैं और उस लिहाज से दक्षिणी दिल्ली के जमीन के भी वारिस हैं और यह मीनार उसी जमीन पर बनी हुई है, लिहाजा इनका पक्ष भी सुना जाना जरूरी है।
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