पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या का मामले में दोषी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मालिक, अजय कुमार, अजय सेठी की तरफ से हलफनामा नहीं दाखिल किया गया, दोषियों के वकील ने कहा हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, दोषियों के वकील ने कहा कि हलफनामा दाखिल करने के लिए पर्याप्त जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं थी, कोर्ट ने जेल ऑथरिटी के अधिकरियों को दोषियों के वकील को हलफनामा दाखिल करने में मदद करने का निर्देश दिया। DLSA की तरफ से मामले में रिपोर्ट अभी कोर्ट में दाखिल नहीं गई है ।
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दोषियों के वकील ने मामले में ट्रायल में 15 साल की देरी के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों के सम्बंध में रिपोर्ट की मांग की। वहीं दिल्ली पुलिस के वकील ने जेल ऑथरिटी से दोषियों के जेल में बर्ताव के बारे में रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने की मांग किया सुनवाई के दौरान मामले में एक दोषी अजय ने कहा कि रात में पुलिस वालों ने घर से उठाया, जब उसने गिरफ्तारी की वजह पूछी तो पुलिस ने उसे बताया कि वह गाड़ी में दारू पी कर सो रहा था, तुझको कुछ पता ही नहीं, जब हमको कुछ नहीं पता तो सज़ा क्यों हो रही है, मेरे पास पैसा नहीं है मेरा सरकारी वकील है, जेल में मुलाक़ात के लिए कोई नहीं आता, नाजायज 15 साल की सज़ा काटी है। दूसरे दोषी अमित शुक्ला ने कहा कि हमारे खिलाफ कुछ भी सबूत नहीं है, FSL जैसी कोई रिपोर्ट नहीं मांगी, हमारे वकील ने जो दलील दिया उसको जज ने नहीं सुना। जज ने दोषियों से कहा आपके पास आगे अपील करने का अधिकार है।
साकेत कोर्ट ने मामले में सभी पांचों लोगो को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने चार लोगों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था, साकेत कोर्ट ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मालिक, अजय कुमार को हत्या का दोषी करार दिया था वहीं अजय सेठी को हत्या का दोषी नहीं माना। कोर्ट ने अजय सेठी को IPC के सेक्शन 411 के तहत दोषी करार दिया था। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 302/34, , 411 समेत मकोका के तहत मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को 2009 में एक अन्य मामले में मामले में बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर, 2008 को जब रात साढ़े तीन बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं, तब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी।दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि इस हत्या का मकसद लूटपाट था। दिल्ली पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था। मामले में सभी आरोपी मार्च 2009 से न्यायिक हिरासत में है, पुलिस ने आरोपियों पर मकोका एक्ट भी लगाया था