Manipur News: मणिपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार भी सतर्क है और पूरे हालात पर निगाह बनाए हुए है। अब जानकारी आई है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में केंद्रीय पुलिस बल की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला किया है।इससे पहले गृह मंत्रालय ने बीते हफ्ते ही केंद्रीय बलों की 20 कंपनियां भी भेजी थी। जिनमें 15 कंपनी सीआरपीएफ जवानों की और 5 कंपनी बीएसएफ जवानों की थी।
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अब अगले हफ्ते जिन 50 कंपनियों को भेजने का फैसला हुआ है, उनमें 35 कंपनियां सीआरपीएफ की और बाकी बीएसएफ की होंगी। सीआरपीएफ के DG और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी पहले ही मणिपुर में कैंप कर रहे हैं। वही गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के अपने राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और गृह मंत्रालय के आला अफसरों के साथ कई बैठक की हैं।
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वही राज्य की बीजेपी सरकार पर स्थिरता का संकट भी दिख रहा है।सरकार में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी एनपीपी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी का कहना है कि राज्य सरकार अल्पमत में है। एनपीपी ने दावा किया है कि कुकी समुदाय के सात विधायक बीजेपी सरकार से नाराज हैं। ऐसे में बीजेपी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
60 सदस्यों वाली मणिपुर की विधानसभा में बीजेपी के पास फिलहाल 37 विधायकों का समर्थन है।राज्य में बीजेपी के अंदर ही पिछले एक साल में कई बार यह आवाज उठी है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटा दिया जाए।राज्य में ताजा हिंसा के बाद बीजेपी पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने का दबाव बढ़ गया है। चर्चा है कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन जैसे विकल्प पर जल्द ही फैसला कर सकती है।वही कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों ने मणिपुर में हिंसा को लेकर बीजेपी को घेरा हुआ है।जानकारी के मुताबिक मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद कांग्रेस के 5 विधायक विधानसभा से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार है।