Lebanon Pager Attack: भारत समेत दुनियाभर के अनेक देश आतंकवाद से परेशान है।हाल में ताजा घटनाक्रम में 1000 पेजर फटने से 3000 से अधिक लोगों की दुखद मौत हो गई।बता दे कि पेजर का इस्तेमाल दुनिया में बहुत कम किया जाता है।कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के लडाकों से पेजर को बरामद किया।लेबनान में पेजर के हमला ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया।इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको बताएंगे कि कैसे पेजर काम करता कैसे यह स्मार्ट फोन से अलग है।
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न्यूमेरिक कोड होते हैं- आपको बता दें कि पेजर एक छोटा टेलीकम्युनिकेशन डिवाइस कैसे होता है। जो पेजिंग नेटवर्क से रेडियो सिग्नल को रिसीव करता है । वहीं दूसरे ट्रांसमीटर को सिग्नल भेजने का काम करते है । ऐसा बताया गया कि न्यूमेरिक वाले पेपर्स के सिग्नल आमतौर पर बीप्स की एक सीरीज या फिर न्यूमेरिक कोड होते हैं. जबकि अल्फान्यूमेरिक पेजर्स के सिग्नल अधिक जटिल होते हैं.
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स्मार्टफोन से कैसे अलग है पेजर- पेजर रेडियो सिग्नल का इस्तेमाल करते हैं वहीं स्मार्टफोन (Mobile) सेल्युलर नेटवर्क पर निर्भर रहता हैं।पेजर का इस्तेमाल बहुत सीमित होता है. पेजर का यूज एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को संदेश भेजने या अलर्ट करने के लिए यूज करते । वहीं पेजर में कॉल करने की सुविधा नहीं रहती है। समार्चफोन अकसर कॉल, मैसेज, इंटरनेट, वीडियो स्ट्रीमिंग व कई अन्य तरह के काम कर सकता है. पेजर का स्टोरेज स्मार्टफोन के मुकाबले बहुत कम होता है.
हिज्बुल्लाह ने किया इस्तेमाल – आमतौर पर ऐसा माना गया है कि पेजर काफी सुरक्षित होता है। ये कम हाई फ्रीक्वेंसी में आसानी से भी काम करता है। इसलिए ये संदेश पहुंचाने या रिसीव करने में काफी भरोसेमंद साबित माना है।पेपर का यूज अक्सर भीड़भाड़ वाली जगह पर इस्तेमाल करते है। इसको यूज करने के लिए सिम वगैरह की जरूरत नहीं होती।इसे हैक करना काफी मुश्किल है ।
