(आकाश शर्मा)- Partition Horrors Remembrance Day– केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में मनाती है। मौके पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2023
क्यों हुआ था भारत का बटवारा
भारत का बँटवारा माउंटबेटन योजना के आधार पर बनाये गए क़ानून भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के मुताबिक़ किया गया है। इस अधिनियम में कहा गया था कि 15 अगस्त 1947 को भारत व पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो देश बना दिए जाएंगें और ब्रिटिश सरकार उन्हें सत्ता सौंप देगी। इसके साथ ही 14 अगस्त को पाकिस्तान और 15 अगस्त को भारतीय संघ की स्थापना की गई थी।
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10 लाख मरे, 1.45 करोड़ लोगो बने शरणार्थी
भारत के विभाजन से करोड़ों लोग प्रभावित हुए। विभाजन के दौरान हुई हिंसा में करीब 10 लाख लोग मारे गए और करीब 1.45 करोड़ शरणार्थियों ने अपना घर-बार छोड़कर बहुमत संप्रदाय वाले देश में शरण ली। धर्म के आधार पर हुए इस बंटवारे का दंश आज भी दोनों देश झेल रहे हैं।
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