अंजलि मौत मामले में पुलिस ने आखिरकार आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या की धाराओं में मुकदमा लगाई है। शुरुआती जांच में मिली सबूत और गवाहों के आधार पर पुलिस ने 304 और 304 ए धाराएं लगाई। लेकिन अब पुलिस ने मामले की बर्बरता फॉरेंसिक और साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर एफआईआर में 302 के धारा भी ऐड कर दी है। स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर सागरप्रीत हुड्डा ने बताया कि फारेंसिक, मौखिक और अन्य वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर मामले की जांच की गई। इसके बाद इस मामले की जांच हत्या की धारा में करने का निर्णय लिया गया है। अभी तक गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से जान खतरे में डालना और लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। वहीं डीसीपी आउटर हरेंद्र सिंह ने बताया कि अभी तक जो सबूत मिले हैं। Anjali death case latest update
इससे स्पष्ट है कि वाहन में मौजूद लोगों को अंजलि के घिसटने की जानकारी हो गई थी, बावजूद इसके आरोपियों ने कार को नहीं रोका बल्कि कार को रोककर अंजलि को बचाने की कोशिश करने के बजाय आरोपी अंजलि के होने के बावजूद भी कार को करीब 13 किलोमीटर तक चलाते हुए ले गए इसमें अंजलि 13 किलोमीटर तक घसीटते रही और उसके कारण उसकी दर्दनाक मौत हुई। यह कृत्य ही हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज करने का आधार बना। डीसीपी ने बताया कि पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने के लिए एमएसीटी (वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण) मिले। इसके लिए पुलिस की तरफ से सभी सहायता है परिवार को दी जा रही है।
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इस मामले में परिवार शुरुआती दौर से 302 की धारा को ऐड करने की मांग कर रहा था। आखिरकार परिवार की यह मांग पूरी हुई और पुलिस ने 302 की धारा को एफआईआर में जोड़ दिया। जिसके बाद परिवार का कहना है कि वह दिल्ली पुलिस का धन्यवाद कर रही है। अंजली की मां का कहना है कि अभी कुछ अन्य मांग है जो सरकार से कर रहे हैं जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। क्योंकि अंजलि के जाने के बाद अब उनका व उनके बच्चों के पालन पोषण तक की समस्याएं सामने आ गई है, जिसके लिए उन्होंने सरकार से मांग की थी। जिसे पूरा करने के लिए वह अभी भी सरकार से गुहार लगा रही है।