नई दिल्ली (प्रदीप कुमार) : भारतीय विदेश मंत्रालय ने पैगंबर पर टिप्पणी विवाद को लेकर OIC के बयान को विभाजनकारी बताया है। इसी के साथ भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को भी कड़ी फटकार लगाई है। इधर आर्मी टिप्पणी विवाद को लेकर देश में भी राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है। पैगंबर टिप्पणी विवाद में भारत ने”ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ओपरेशन OIC के बयान की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में ओआईसी के सचिवालय के बयानों पर दो टूक कहा कि उसका एजेंडा विभाजनकारी है।
कुवैत व ईरान के बाद पाकिस्तान और सऊदी अरब ने भी बयान दिए है
बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के पैगंबर को लेकर बयान के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। अरब के कई देशों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति प्रकट की और भारतीय राजदूतों को तलब कर नाराजगी प्रकट की। इस विवाद में कतर, कुवैत व ईरान के बाद पाकिस्तान और सऊदी अरब ने भी बयान दिए है। भारत ने पाकिस्तान के बयान को बेतुका बताते हुए उसे अपने घर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देने की नसीहत दी है।
पाकिस्तान के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तीखी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान के बयानों और टिप्पणियों को देखा है।अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सिलसिलेवार ढंग से हनन करने वालों की बेतुकी बातों का किसी पर असर नहीं पड़ता। उसे किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर टिप्पणी का हक नहीं है। पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और अहमदियों व अन्य अल्पसंख्यकों के संस्थागत उत्पीड़न की दुनिया गवाह रही है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। इसके उलट पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की तारीफ कर उनके स्मारक बनाए जाते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पाकिस्तान से आह्वान करते हैं कि वह खतरनाक प्रचार करने और भारत में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे।
भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है
OIC के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस संगठन द्वारा भारत को लेकर दिए गए बयान देखे हैं। सरकार OIC सचिवालय के गलत और संकीर्ण बयानों को खारिज करती है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। कुछ लोगों ने एक धार्मिक व्यक्तित्व को अपमानित करते हुए आपत्तिजनक ट्वीट और बयान दिए थे। ये विवादित बयान भारत सरकार की राय से संबद्ध नहीं हैं। आरोपियों के खिलाफ संबंधित संगठन ने कड़ी कार्रवाई की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि OIC सचिवालय ने एक बार फिर प्रेरित, गुमराह करने वाली और शरारती टिप्पणी की, यह दुखद है। यह केवल स्वार्थों के इशारे पर चलाया जा रहा विभाजनकारी एजेंडा है। हम OIC सचिवालय को अपना सांप्रदायिक नजरिए छोड़ने और सभी धर्मों का सम्मान करने की अपील करते हैं। इधर देश में भी पैगंबर टिप्पणी विवाद को लेकर राजनीतिक घमासान देखने को मिला है कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि गलती बीजेपी करें और माफी भारत मांगे यह अस्वीकार्य है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सुब्रह्मण्य स्वामी ने भी इस विवाद में बीजेपी को घेरा है।स्वामी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने छोटे से देश कतर के आगे साष्टांग दंडवत कर दिया है। हालांकि, इससे पहले बीजेपी ने सभी धर्मों के सम्मान की बात कहते हुए नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित और उनका समर्थन करने वाले बीजेपी नेता नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।