राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने वर्तमान में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में अंतर-संसदीय संघ (IPU) की 148वीं बैठक में भाग लिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में राज्य सभा के पांच सदस्य एस. निरंजन रेड्डी, सुजीत कुमार, डॉ. अशोक कुमार मित्तल, डा. प्रशांत नन्दा और सुमित्रा बाल्मीक शामिल हैं।
भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने IPU से अलग आर्मेनिया की नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष हाकोब अर्शक्यान के नेतृत्व में आर्मेनिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक द्विपक्षीय बैठक भी की। भारत के सभी बहुपक्षीय पहलुओं में आर्मेनिया के बहुमूल्य समर्थन की सराहना करते हुए हरिवंश ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी लगातार बढ़ रही है और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो रही है। दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग का उल्लेख करते हुए, हरिवंश ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र होने के नाते दोनों देशों के शासन के बारे में समान विचार हैं जो दोनों देशों की यात्रा के संबंध में सहयोग और अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान करता है।
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उपसभापति हरिवंश ने कहा कि भारत और आर्मेनिया दोनों के पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और दोनों देश आपसी समझ और सराहना को बढ़ावा देने के लिए कला प्रदर्शनियों, फिल्म समारोहों और अकादमिक सहयोग जैसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बोलते हुए उपभापति हरिवंश ने कहा कि संसदीय मामलों में सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाने की अपार संभावनाएं हैं। हरिवंश ने कहा कि विशेष रूप से प्रौद्योगिकी, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में संभावित आर्थिक साझेदारी तलाशने से भारत और आर्मेनिया के आर्थिक संबंधों में एक नया आयाम जुड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित क्षेत्रों में भू-राजनीतिक सक्रियता को देखते हुए, भारत और आर्मेनिया शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ एक समान सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक साथ आ सकते हैं।
उपसभापति हरिवंश ने इस बात को रेखांकित किया कि साझा लोकतांत्रिक मूल्य, बाहुलवाद और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान संबंधों को मजबूत करने और एक समान चिंता के वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करने की नींव के रूप में काम कर सकते हैं। छात्र आदान-प्रदान, पर्यटन प्रोत्साहन और युवा कार्यक्रमों जैसी पहलों के माध्यम से लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने से दोनों देशों के बीच अधिक समझ और मित्रता को बढ़ावा मिल सकता है।
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प्रवासी भारतीयों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हरिवंश ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की बड़ी संख्या दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं। हरिवंश ने इस बात को भी रेखांकित किया कि साझा लोकतांत्रिक मूल्य, बहुलवाद और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान संबंधों को मजबूत करने और एक समान चिंता के वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करने की नींव के रूप में काम कर सकते हैं।
उपसभापति हरिवंश ने IPU ( आईपीयू ) के अध्यक्ष डॉ. तुलिया एकसन, संयुक्त गणराज्य तंजानिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष से भी मुलाकात की। उपसभापति ने उन्हें IPU अध्यक्ष का पदभार संभालने पर बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि उनकी बैठक उनकी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करेगी और IPU और इसके माध्यम से विश्व संसदों के साथ उनके सहयोग को मजबूत करेगी।