सशक्त भारत के निर्माण में भारतीय रेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही

Indian Railways: केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट के लिए फैसले पर आज विस्तार से जानकारी दी है।रेल मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने  मुंबईं -हावड़ा के मध्य रेल मार्ग को बेहतर ‘करते हुए मनमाइ-जलगांव चौथी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी है

केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि यह परियोजना मुबईं-प्रयागराज रेल मार्ग को मजबूती प्रदान करेगी, जिससे रेल यात्रा और माल ढुलाई की गति में वृद्धि होगी। चॅकि यह एक प्रमुख लॉजिस्टिक मार्ग है इससे कोयला, लोहा और खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में सुधार होगा। और लॉजिस्टिक दक्षता व आथिक केंद्रों को बेहतर तरीके से जोडा जा सकेगा। यह परियोजना 421 गाँवों और लगभग 15.49 लाख जनसंख्या को लाभान्वित करेगी। इस परियोजना से महाराष्ट्र के मनमाड, जलगांव, भुसावल, पचोरा, जामनेर और चालीसगांव को मुख्य रूप से लाभ मिलेगा। यह मार्ग नागपुर, कोलकाता, कानपुर,प्रयागराज और दिल्ली जैसे प्रमुख कंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। साथ ही इस मार्ग से अंजनाबारी, अजंता और एलोरा जैसे पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा, जिससे पर्यटन क्षेत्र को बढावा मिलेगा।

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रेल मंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी बल्कि लॉजिस्टिक दक्षता, आर्थिक विकास औरसार्वजनिक सुरक्षा में भी सुधार करेगी। यह कदम भारतीय रेल के बुनियादी ढॉचे को बेहतर करने की दिशामें एक मजबूत कदम सिद्ध होगा।इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने 3,513.56 करोड रूपये की अनुमानित लागत वाली भुसावल-खंडवा के मध्य तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस रूट की कुल लंबाई 131 किलोमीटर व इसकी कुल ट्रैक लंबाई 321.80 किलोमीटर है, जो महाराष्ट्र(47 किलोमीटर) और मध्य प्रदेश (84 किलोमीटर) से होकर गुजरती है।इस परियोजना का उदेश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार करना है, जिसका लाभ 364 गांवों और लगभग 14-75 लाख जनसंख्या को प्राप्त होगा। यह परियोजना लॉजिस्टिक्स कुशलता, आथिक क्लस्टरों के विकास और मल्टी-मॉडल परिवहन को बढ़ावा देती है।यह मुंबई-प्रयागराज मार्ग पर एक महत्त्वपूर्ण डबल-लाइन कॉरिडोर है, जो यात्री और माल यातायात दोनों के परिवहन के लिए एक महत्वपर्ण रेल लिंक है।यह रेल लाइन ‘उत्तरी भारत से आने ‘वाले एक्जिम कंटेनर, कानपुर, मंडीदीप और मालनपुर (ग्वालियर) स्थित आईसीडी के माध्यम से भुसावल-खंडवा रेल खंड के माध्यम से जेएनपीए और दिधी पोर्टतक अधिक क्षमता में पहुँचाने में योगदान देगी। साथ ही यह प्रयागराज वाराणसी (काशी), चित्रकट गया नासिक (त्रयम्बकेशवर), खंडवा (ओंकारेश्वर) शिरडी और शनिशंगणापुर के लिए तीथंयान्राको सुगम और सुलम बनाएगी

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इसके अलावा कैद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए मानिक पुर और इरादतगंज के बीच तीसरी रेल लाइन को भी मंजूरी दी है,जो कि मुंबई- प्रयागराज रुट का अहम हिस्सा है। 84.40 किलोमीटर लंबे इस रुट में 534 गांवों और करीब 8 लाख लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1507-73 करोड़ रूपए हैं। यह रेल लाईन 30 प्रमुख पुलों,12 रेलवे स्टेशन से होते हुए गुजरेगी। तीसरी रेल लाइन से जहां इस खंड में यातायात का दबाव कम होगा वहीं अर्थव्यवस्था को गति मिलने से नए रोजगार का सृजन होगा।केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि इस तीसरी रेल लाईन से कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आएगी। हर साल लगभग 3 करोड़ लीटर हाई स्पीड डीजल आयात की बचत होगी जिसकी कीमत लगभग 249 करोड़ प्रति वर्ष है।

साथ ही 15.94 मिलियन टन अतिरिक्त लोडिंग की सुविधा भी मिलेगी। मध्य प्रदेश और उतर प्रदेश के जोडने वाली इस लाइन से न सिफ चित्रकूट, प्रयागराज और रीवा बीच तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का धार्मिक स्थानों परपहुचाना ‘अधिक सुविधाजनक होगा, बल्कि खजुराहो, देवगिरी किला और रीवा किला जैसे पर्यटन स्थानों तक पहंच आसान होगी।

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