International Skyscraper Day: अक्सर जब भी हम किसी ऊंची इमारत को देखते हैं तो फिर उससे नजर हटाने का जी नहीं करता, हम उसे देखते ही रह जाते हैं। हमारे दिमाग में सबसे पहला सवाल यह आता है कि इसे बनाने में कितना समय लगा होगा और किसने इसे डिजाइन किया होगा। इन गगनचुंबी इमारतों को बनाने वाले इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स कितने क्रिएटिव होंगे। कारीगरों के द्वारा कितनी मेहनत और बारीकी से इस पर काम किया गया होगा। यह सब देखकर और सोचकर आप भी उन्हें सलाम करते होंगे। उन सभी के कामों को सम्मानित करने के लिए और आधुनिक युग की पहचान बनी इन गगनचुंबी इमारतों की सुंदरता की सराहना के लिए 3 सितंबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय गगनचुंबी इमारत दिवस(International Skyscraper Day) के तौर पर मनाया जाता है।
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3 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है International Skyscraper Day ?
यह दिन आर्किटेक्ट और वास्तुशिल्प के क्षेत्र में एक विशेष दिन है, क्योंकि गगनचुंबी इमारतों का जनक कहे जाने वाले लुई एच. सुलिवन (Louis H. Sullivan) का जन्म इसी दिन बोस्टन के मेसायुसेट्स में 3 सितंबर 1856 को हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में कई ऐसी इमारतें बनाईं, जिन्हें देखकर लोग दंग रह जाते हैं जिनमें बेयर्ड बिल्डिंग बेहद प्रसिद्ध है। 1885 में उन्हीं के द्वारा शिकागो में पहली गगनचुंबी इमारत बनाई गई थी जोकि 138 फीट ऊंची और 10 मंजिला थी। ये इमारत उस समय की सबसे ऊंची इमारत थी।
विश्व की सबसे बड़ी गगनचुंबी इमारतें-
बुर्ज खलीफा- गगनचुंबी और ऊंची इमारतों का जब भी नाम लिया जाता है तो पहला नाम दुबई में स्थित बुर्ज खलीफा का सामने आता है। दुनिया की सबसे ऊंची इस इमारत की ऊंचाई 828 मीटर है और ये 163 मंजिला इमारत है जिसमें स्थित 57 लिफ्ट लोगों के प्रयोग के लिए हैं। इस इमारत को आधुनिक इंजीनियरिंग का नायाब नमूना कहा जाता है। यह एक ऐसी कारीगरी है, जिससे ऊंची आज तक कोई और इमारत नहीं बनी।
मर्डेका 118 – यह विश्व की दूसरी सबसे ऊंची इमारत है। जो मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में स्थित है। जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। इसकी ऊंचाई 678.9 मीटर है और ये इमारत 118 मंजिला है।
शंघाई टॉवर- यह चीन के शंघाई शहर में स्थित 632 मीटर ऊंचाई वाली इमारत है। ये इमारत 128 मंजिला है और इसमें 270 विंड टरबाइन लगे हुए हैं। यह इमारत विश्व में दूसरी सबसे बड़ी इमारतों में आती थी, लेकिन मर्डेका 118 ने इसे तीसरे पायदान पर खिसका दिया है।
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भारत की सबसे ऊंची गगनचुंबी इमारतें-
भारत में भी कई सारी गगनचुंबी इमारतें हैं, जो आसमान को छूती हुईं नजर आती हैं। आइए भारत की शीर्ष 3 ऊंची इमारतों के बारे में जानते हैं।
लोखंडवाला मिनर्वा- यह भारत की सबसे ऊंची इमारत हैं जो 2024 में बनकर तैयार हुई थी। मुंबई में स्थित यह इमारत 988 फीट ऊंची है और ये 78 मंजिला है। 2015 में इसे रिडिजाइन किया गया और इसकी ऊंचाई 20 फीट कम हो गई।
वर्ल्ड वन- यह भारत की दूसरी ऊंची इमारत है। 2011 में इसे मुंबई में बनाकर तैयार किया गया और इसकी ऊंचाई 919 फीट है और ये 76 मंजिला इमारत है। पहले इसे 1450 फीट का बनाने की योजना बनाई गई, लेकिन डेवलपर को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से मंजूरी नहीं मिल पाई। फिर इसे इसकी मौजूदा ऊंचाई पर ही बनाया गया।
वर्ल्ड व्यू- यह इमारत भारत और मुंबई की तीसरी सबसे ऊंची इमारत है। जो 911 फीट ऊंची है और ये 73 मंजिला है। यह एशिया की 174 वीं और दुनिया की 289 वीं सबसे ऊंची इमारत है।
गौरतलब है, अब तक विश्व की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा को कहा जाता है, लेकिन भविष्य में इसके रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए एक और इमारत का निर्माण किया जा रहा है। यह इमारत सऊदी अरब के जेद्दा शहर में बनाई जा रही है और इसे ‘जेद्दा टावर’ का नाम दिया गया है। लंबे समय से इसके निर्माण में कुछ रोड़ा अटका था वो अब खत्म हो चुका है और अब इसका निर्माण कार्य जारी है। इस इमारत की ऊंचाई 1 किलोमीटर की होगी, जोकि बुर्ज खलीफा से 180 मीटर ऊंची होगी।