Electoral Bond :कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर डेटा उपलब्ध कराने के लिए 30 जून तक का अतिरिक्त समय मांगा, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसे केवल 15 सेकंड के अंदर ये जानकारी हासिल की है।
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर JAI RAM RAMESH ने की ये टिप्पणी!
जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हमेशा कहते आ रही थी ।कि हमें 30 जून 2024 तक समय चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करने के लिए हमने 15 सेकंड के अंदर ये जानकारी हासिल की है। तो बिल्कुल साफ है मोदी सरकार नहीं चाहती थी कि ये जानकारी अभी निकले, पूरी तरीके से ये जानकारी निकले जो सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था। कांग्रेस पार्टी निजी कंपनियों के खिलाफ नहीं है। कांग्रेस पार्टी ये मानती है कि जीडीपी विकास दर बढ़ाने के लिए निजी निवेश अनिवार्य है। तो निजी निवेश को प्रोत्साहन देने बहुत जरूरी है।
इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत…. 2017 में हुई
लोकसभा चुनाव से पहले इन दिनों चुनावी दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने का मामला आजकल सुर्खियों में बना हुआ है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की लिस्ट चुनाव आयोग को दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत 2017 में हुई थी। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की घोषणा के बाद बनी 60 से अधिक कंपनियों ने बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को करीब 250 करोड़ रुपये दिए।