Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में लंबे समय से चली आ रही कठोर सर्दी के अंत का स्वागत करने के लिए हजारों श्रद्धालु शनिवार 12 अप्रैल को भद्रवाह के प्राचीन सुबर-नाग मंदिर में जमा हुए। मौका नाग बैसाखी का भी था।
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इस दिन 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बने एक हजार छह सौ साल पुराने मंदिर के दरवाजे खुल गए। ये जम्मू कश्मीर के खूबसूरत इलाके में वसंत के आगमन का ऐलान था। मंदिर पहुंचने के लिए श्रद्धालु खड़ी पहाड़ी पर 12 किलोमीटर पैदल चढ़े और फिर पूजा-पाठ किया। प्रशासन ने बताया कि इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे। नाग बैसाखी में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आए हुए थे। नाग वैसाखी का प्राचीन त्योहार भद्रवाह की समृद्ध नाग संस्कृति को समर्पित है। इसे देश का पहला बैसाखी उत्सव माना जाता है।