(प्रदीप कुमार )- हैदराबाद। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने देशभर के लोगों के लिए एक नया नारा दिया है “चांद सितारे छोड़ो, पानी और बिजली जोड़ो” यानि चांद और सितारे गिनाना भूल जाओ, हमें पानी और बिजली ही दो। सीएम केसीआर ने स्वतंत्र भारत के 75 वर्षों में किसानों को सुरक्षित पेयजल, सिंचाई सुविधा और नियमित बिजली आपूर्ति नहीं करने के लिए पिछले शासकों पर निशाना साधा है।सीएम केसीआर ने दोहराया कि देश के हर नागरिक को सतर्क रहने और केंद्र में सत्ताधारियों के कारनामों को उजागर करने की जरूरत है। प्रगति भवन में बुधवार को बीआरएस सुप्रीमो की मौजूदगी में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता बीआरएस पार्टी में शामिल हुए। महाराष्ट्र से बीआरएस में शामिल होने का क्रम जारी रहा, साथ ही दूसरी ओर मध्य प्रदेश से बीआरएस में शामिल होने की संख्या में बढोत्तरी हुई।
सीएम केसीआर ने चिंता जताते हुए कहा कि आजाद भारत के 75 सालों में किसानों को पीने का पानी, सिंचाई का पानी और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतें नहीं मिल सकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई असंतुलित नीतियों के खिलाफ सभी को जागने और लड़ने की जरूरत है। जब तेलंगाना में सभी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक विकास कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं तो देश के अन्य राज्य विकास पथ पर क्यों नहीं बढ़ रहे हैं? मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि केंद्र के शासकों में ईमानदारी की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। “क्या हम चांद-तारे लाने मांग कर रहे हैं? हम पीने के पानी, खेती के पानी और बिजली पर जोर दे रहे हैं, जो हमारे जीवन के लिए जरूरी है, प्रकृति प्रदत्त है। मुख्यमंत्री केसीआर ने केन्द्र सरकार से कहा कि “चांद सितारे छोड़ो…पानी बिजली जोड़ो”
*बीआरएस में शामिल हुए महाराष्ट्र के सरपंच*
इस बीच महाराष्ट्र से बीआरएस पार्टी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। बीआरएस प्रमुख और मुख्यमंत्री केसीआर की मौजूदगी में बुधवार को महाराष्ट्र के विभिन्न गांवों के 50 सरपंच पार्टी में शामिल हुए। उनमें से सभी ने पार्टी में शामिल होने से पहले तेलंगाना राज्य का भ्रमण किया। उन्होंने कृषि, पेयजल, सिंचाई, बिजली, सड़क आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में राज्य में विकास की जांच की। उन्होंने एससी, एसटी, बीसी और अल्पसंख्यकों के लिए आसरा पेंशन, रायथु बंधु और दलित बंधु के कार्यान्वयन के बारे में जमीनी स्तर पर अध्ययन किया। महाराष्ट्र के नेताओं ने कहा कि वे अपने-अपने गांवों में तेलंगाना मॉडल को लागू करने की तीव्र इच्छा के साथ बीआरएस में शामिल हो रहे हैं।
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महाराष्ट्र से कई लोग बीआरएस पार्टी में शामिल हुए उनमें… वेंकट रावजी घोपड़े, आल्हाट अशोक (संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष जनहित लोकशाही पार्टी, मुंबई), रामराव महाराज भाटेगांवकर (राष्ट्रीय बंजारा भटके विमुक्त संघर्ष समिति, नांदेड़), रमेश कदम (किनवट विधान) सभा प्रचारक और प्रसारक), गौतम जैन (प्रदेश सहचिव राष्ट्रीय समाज पार्टी, बसमत), पाटिल राजकुमार (उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा), घोड़के विठ्ठल (मराठवाड़ा अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी), शैक मोहिनोउद्दीन (मुस्लिम समाज संघटक अध्यक्ष मराठवाड़ा प्रदेश), शिंदे माधव (अध्यक्ष बहुजन चर्मकार संघ), कल्याणकर अबासाहेब (प्राचार्य अर्धपुर), वानखेड़े पाटिल (मराठा मोर्चा औरंगाबाद मंडल अध्यक्ष), कारलेकर महाराज (करेला साईबाबा भक्त, देगलूर), रियाज (सामाजिक कार्यकर्ता)।
भागीरथ भालके (विधायक चुनाव लड़े, पंद्रापुर), डोडे मैडम (विधायक बेटी, देवराली, नासिक), हरिदास बड्डे (पूर्व विधायक अकोला), माधवराव तोताके (जिला परिषद सदस्य, वाशिम), गोविंदराव भंवर (हिंगोली), जिदेंद्र जैन (बुलढाणा), सोलंके गुरुजी (पूर्व विधायक, वरोरा), जयमंगल धनराज (अधिवक्ता, मुंबई), प्रवीण पाटिल दघे (बोलसा, राष्ट्रवादी यूथ टीक्यू अध्यक्ष), दत्ता पाटिल दघे (ईजात्जनव, राष्ट्रवादी जिला संप्रदायम), संतोष गुटे करमाला (एमसीएल सौंस्था उमरी अध्यक्ष) , हेमंत मल्हारे (हिरगांव, भाजपा सर्किल प्रमुख), किशन कदम (मंडला, शिव सेना युवा अध्यक्ष उमरी)। नागेश पाटिल चव्हाण (बोलसा बू, भाजपा बूथ प्रमुख), विट्टल टोपे (बोलसा धनोरा बू, राष्ट्रवादी शाखा प्रमुख), देवीदास शिंदे वाघला (बूथ प्रमुख), योगेश धागे (ईजलगाँव, भाजपा सरचित्निस), श्रीधर हनबरडे (बेजेगांव, एबी छावा युवा अध्यक्ष) उमरी), राजेश मोरे (उमरी, चावा संगठन क्षेत्र) शामिल है।
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