किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी खट्टर सरकार

चंडीगढ़(अनिल कुमार): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और उपलब्ध पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को टयूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी। सभी को ओपन टयूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है। वही मुख्यमंत्री ने पशुशल्य चिकित्सक की भर्ती से संबंधित हुई लिखित परीक्षा में जो गलत प्रश्न आए उसका भी जवाब दिया।

सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर सरकार देगी।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और उपलब्ध पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को टयूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी। सभी को ओपन टयूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है। मुख्यमंत्री  विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में आवेदन किए हुए टयूबवेल कनेक्शनों में से 4412 कनेक्शन बकाया है, इन कनेक्शनों को तुरंत दिया जाएगा। वर्ष 2023-24 में इन कनेक्शनों से अगले कनेक्शनों को देने के लिए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाना संभव नहीं है। क्योंकि ट्यूबवेल कनेक्शन में तीन घटक होते हैं, पहला प्राकृतिक, दूसरा पानी की उपलब्धता और तीसरा बजट।

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है, वहां ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है। केवल सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को कनेक्शन दिए जाएंगे। 50 एचपी से अधिक के कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। 10 एचपी तक के लिए सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 1 टयूबवेल कनेक्शन पर सरकार की ओर से 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है।  प्रदेश में 6 लाख टयूबवेल विधिवत चल रहे हैं और सरकार किसानों को लगभग 6 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी सरकार दे रही है।

वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुशल्य चिकित्सक की भर्ती से संबंधित हुई लिखित परीक्षा में जो गलत प्रश्न आए, उसके लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि प्रश्न सेट करने वाले व्यक्ति या एजेंसी बाहर की होती है। इससे संबंधित मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अभी विचाराधीन है। न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा, वो मान्य होगा।मुख्यमंत्री विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान बोल रहे थे।

Read also: दिल्ली का बजट विधानसभा में हो रहा पेश, गहलोत के पिटारे में दिल्ली वालों के लिए क्या रहेगा खास !

उन्होंने स्पष्ट किया कि पशुशल्य चिकित्सक की भर्ती विज्ञापन संख्या-41/2022 से संबंधित मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में है। इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भर्ती से संबंधित मामला 9 फरवरी, 2023 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में लगा था। इसमें एचपीएससी को एफिडेविट न्यायालय में प्रस्तुत करना है। एचपीएससी एक स्वायत्त संस्था है, इसलिए आयोग को गलत प्रश्नों के लिए जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana TwitterTotal Tv App            

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *