हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह सचिव के साथ हुई कोविड-19 की स्थिति से निपटने के प्रबंधन की समीक्षा बैठक में बताया कि हरियाणा द्वारा कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए आरटी -पीसीआर टेस्टिंग एवं रैपिड ऐंटिजन टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले जिलों की स्थिति मेें सुधार हो रहा है।
प्रदेश में किये जा रहे आरटी -पीसीआर परीक्षण और रैपिड ऐंटिजन परीक्षण का अनुपात 65:35 का है। जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण पाये जा रहे हैं उन सभी मरीजों का आरटी -पीसीआर परीक्षण करवाया जा रहा है। प्रदेश में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए टेस्टिंग सुविधाओं के अलावा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को भी प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा रहा है। जिलों में विशेष सेल के माध्यम से सक्रिय संपर्क ट्रेसिंग को 72 घंटे की अवधि के भीतर पूरा किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना संकट से निपटने के लिए और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की अनुपालना को प्रदेश में सख्ती से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों के बढऩे, श्रमिकों की वापसी एवं किसान आंदोलन होने से कोरोना वायरस के मामलों में वृद्घि होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की स्थिति पर भी निरंतर निगरानी की जा रही है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश में परीक्षण दर 68244 प्रति मिलियन है और प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले जिलों में यह दर 104423 प्रति मिलियन है।
इसी प्रकार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परीक्षण दर के मुकाबले में कोरोना मामलों की दर 6.31 प्रतिशत और रिकवरी रेट 84.52 प्रतिशत व संक्रमितों की मृत्यु दर 0.91 प्रतिशत है। बैठक में यह भी बताया गया कि कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण सावधानीपूर्वक करवाया जा रहा है, निगरानी के लिए मोबाइल स्वास्थ्य टीमों को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि मरीजों के नमूने एकत्र करने के लिए फ्लू क्लीनिक की संख्या में वृद्धि की गई है । इसके अलावा नमूने एकत्र करने के लिए आयुष डॉक्टरों को भी लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले हल्के लक्षणों वाले मरीजों के लिए प्रोटोकाल विकसित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा प्रतिदिन फोन पर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी ली जा रही है और वैकल्पिक दिन पर होम आइसोलेशन मे रहने वालेे मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए टीमों द्वारा दौरा भी किया जा रहा है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज व कोविड केयर सेंटर के बेड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर सुविधा दी गई है। कोरोना वायरस के मामलों से निपटने के लिए साप्ताहिक रणनीति तैयार की जा रही है।
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