Lok Sabha: संसद का मॉनसून सत्र, जो 21 जुलाई को शुरू हुआ था, आज अपने अंतिम दिन भी हंगामे और गतिरोध के बीच समाप्त हुआ। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण SIR और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने लगातार विरोध प्रदर्शन किया। इस कारण दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—की कार्यवाही बाधित हुई। आज सुबह जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने तख्तियां लहराते हुए और नारेबाजी करते हुए वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा की कार्यवाही 12:00 बजे तक स्थापित हो गई, इधर राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।Lok Sabha
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12 बजे सदन की कार्रवाही शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों के व्यवहार पर गहरी नाराजगी जताई।बिरला ने सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा, “सदन की गरिमा का सम्मान करें।बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के लिए 120 घंटे की चर्चा तय थी, लेकिन विपक्ष के व्यवधान के कारण केवल 37 घंटे ही चर्चा हो सकी।ओम बिरला ने कहा कि हम सबने तय किया था कि 419 तारांकित प्रश्नों पर चर्चा होगी, लेकिन केवल 55 प्रश्नों का ही मौखिक उत्तर दिया जा सका। जनता ने आपको समस्याओं को उठाने के लिए चुना है, न कि नारेबाजी और गतिरोध के लिए। देश आपका आचरण देख रहा है।”Lok Sabha
इसके बाद लोकसभा की कार्रवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।दूसरी ओर, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर संसद का समय बर्बाद करने और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने दोहरे मापदंड अपनाए और महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की बजाय हंगामा किया। रिजिजू ने यह भी कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन विपक्ष ने इसे बाधित किया।किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि“विपक्ष ने संसद का कीमती समय बर्बाद किया। हमने 14 विधेयक पेश किए, जिनमें से 12 पारित हुए, लेकिन कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी। विपक्ष का यह रवैया लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।”Lok Sabha
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इस सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा को छोड़कर ज्यादातर समय हंगामे में ही बीता। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण और अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग की, जबकि सरकार ने इसे अदालत में चल रही है फैसले का हवाला देकर और संवैधानिक संस्था पर चर्चा ना कराने का हवाला देते हुए अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाया। सत्र के दौरान 14 विधेयकों में से 12 पारित किए गए, जबकि तीन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया।बहरहाल संसद के इस मानसून सत्र ने एक बार फिर सत्ता और विपक्ष के बीच गहरे मतभेदों को उजागर किया है।Lok Sabha