(प्रदीप कुमार): गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति दिल्ली विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगी। भारत के उपराष्ट्रपति 10 नवंबर 2022 को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। गांधी जी के मूल्यों और आदर्शों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के निर्माण में प्रतिबद्धता को लेकर ‘गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन’ दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक बड़ा सम्मेलन विश्वविद्यालय कैम्पस में करने जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए ‘गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति’ के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्घाटन भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड,10 नवम्बर, 2022, सायं 3 बजे बहुउद्देश्य हॉल, दिल्ली विश्वविद्यालय में कर रहे हैं। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के साथ केन्द्रीय मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, राजीव चन्द्रशेखर, विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे, एवं कार्यक्रम की अध्यक्ष दि.वि.वि. के उपकुलपति प्रो. योगेश सिंह करेंगे।
गोयल ने कहा कि ‘गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति’ ने दिल्ली वि0वि0 के साथ इस कार्यक्रम की संरचना का मुख्य उद्देश्य यह है कि वि0वि0 के छात्र-छात्राएं व युवा वर्ग एक तरफ गांधी जी के विचारों से जुड़े और दूसरी तरफ गांधी जी और हमारे देश के प्रधानमत्री, स्वदेशी की जो भावना देश के नए स्टार्ट अप (start ups) में, नए अनुसंधान एवं नए उद्योगों में कल्पना करते हैं, उसे युवा वर्ग अपनाए।
गोयल ने कहा कि अभी वर्तमान में हम देश के आधारभूत ढांचे को इस तरह से विकसित कर रहे हैं कि रक्षा क्षेत्र से लेकर अन्य क्षेत्रों में हम स्वावलम्बी बनें और आत्मनिर्भरता का जो नारा प्रधानमंत्री ने दिया है उसे सशक्त करें।
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गोयल ने कहा कि आजादी के इस अमृत काल में भारत अपने चहुमुखी विकास, अपने गौरवशाली इतिहास, संस्कृति को भी स्मरण कर रहा है| गांधी के सपनों का भारत, सक्षम भारत, आत्मनिर्भर भारत, शिक्षित भारत व उन्नत भारत एवं ऐसा भारत जहाँ पर हर व्यक्ति सम्मान पूर्वक जीवन जी सके, प्रेम एवं शांति से एक साथ कदम से कदम मिला गांधी जी के आदर्शों पर चल सके, के निर्माण में देश जुटा हुआ है| आज भारत आत्मनिर्भर बनने में ही नहीं जुटा हुआ है, बल्कि विश्व की समस्याओं का समाधान में अहम् भूमिका निभा रहा है|
गांधी भवन के निदेशक प्रो. के पी सिंह ने कहा कि इस तीन दिन में जो इस विषय “Infrastructure, Information and innovation for Building New Bharat” पर गहन चिंतन-मनन होगा इससे एक ऐसा पालिसी डॉक्यूमेंट तैयार होगा जिससे भारत के निति-निर्माताओं को एक नयी दिशा एवं गति मिलेगी।