(प्रदीप कुमार): लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (ICSI) के ‘नेशनल अवार्ड्स फॉर एक्सीलेंस इन कॉरपोरेट गवर्नेंस 2023’ पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर बिरला ने ICSI के सदस्यों को जनप्रतिनिधियों की कैपेसिटी बिल्डिंग में योगदान देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कानून निर्माण में एक्सपर्ट्स की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया ताकि पारदर्शिता और शुचिता सुनिश्चित होने के साथ साथ देश का आर्थिक तंत्र और अधिक सदृढ़ बने। श्री बिरला ने प्रभावी नीति निर्माण के सन्दर्भ में कहा कि यह तभी संभव है जब जनप्रतिनिधि सम्बन्धित विषय के हर पहलू से परिचित हो। उन्होंने आगे कहा कि पारदर्शिता, जवाबदेही एवं हितधारकों के हितों के संरक्षण के द्वारा आर्थिक तंत्र को मजबूती देना जनप्रतिनिधियों और प्रोफेशनल्स का साझा दायित्व है।
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ओम बिरला ने कहा कि कंपनी सचिव देश के कॉर्पोरेट सेक्टर के व्यवस्थित संचालन और कंपनियों में सुशासन स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में, भारत की कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहीं हैं। देश के अग्रणी स्टार्ट अप्स और यूनिकॉर्न का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि देश की कई कंपनियां वैश्विक स्तर पर भारत को लेकर जा रही हैं।ओम बिरला ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय कंपनियां कृषि से लेकर चिकित्सा और शिक्षा में पूरे विश्व को नए सोल्यूशन्स दे रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर देश के बढ़ते आर्थिक बल के सन्दर्भ में बिरला ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी जैसी बड़ी वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत पिछले कुछ वर्षों में तेजी से आगे बढ़ा है। ओम बिरला ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के तेज विकास और मजबूत होती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच, दुनिया देश को बहुत उम्मीदों से देख रही है।
ओम बिरला ने सरल Taxation process के लिए सरकार को बधाई दी और कहा कि कंपनीज एक्ट के अनेक प्रावधानों को Decriminalize किया गया है,ताकि कंपनियों के सामने सभी अवरोध समाप्त हों और वे नई ऊंचाईयां प्राप्त करें। जीवन के हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि वित्तीय प्रबंध और कंपनी संचालन में प्रौद्योगिकी के चलते कई बदलाव आए हैं जिससे अर्थव्यवस्था में नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने कंपनी सचिवों से खुद को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करने का आग्रह किया।