लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आगरा में 45वें रबी ऑल इंडिया तिलहन सेमिनार को किया संबोधित

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सभी हितधारकों – किसानों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों और उद्योग जगत के प्रमुखों – से दृढ़ संकल्प के साथ एकजुट होकर भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और इस क्षेत्र में नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया।

Read Also: जम्मू कश्मीर के गांदरबल में हुआ दर्दनाक सड़क हादसा, 4 लोगों की मौत और 17 लोग घायल

इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत में खाद्य तेल की मांग इसकी घरेलू आपूर्ति से कहीं अधिक है, बिरला ने उद्योग जगत के प्रमुखों और तेल मिल मालिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप आयात निर्भरता को कम करने के समाधान खोजने और इनोवशन करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि भारत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, और यह आवश्यक है कि हमारे किसान इस परिवर्तन के प्रमुख वाहक बनें और उन्हें अपनी उपज के लिए उचित मूल्य मिले। ओम बिरला आज आगरा में यूपी ऑयल मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित 45वें रबी ऑल इंडिया तिलहन सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

ओम बिरला ने कहा कि हमारे किसानों और तेल प्रसंस्करण उद्योग को मिलकर काम करना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि अनुसंधान तथा नई और बेहतर तकनीकों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले तिलहन का उत्पादन किया जाना चाहिए। बिरला ने कृषि वैज्ञानिकों और ऑयल मिलर्स एसोसिएशन से उत्कृष्टता और आत्मनिर्भरता के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करने का आग्रह किया। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने वैज्ञानिकों से जलवायु के अनुकूल, अधिक उपज वाले उन्नत किस्मों के बीज विकसित करने का आग्रह भी किया, जिससे तिलहन उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो।

उन्होंने प्रमुख विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ शोध कार्य में सहयोग के महत्व और भारतीय तेलों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जनता को जागरूक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बात का उल्लेख करते हुए कि मध्य भारत की मिट्टी और जलवायु तिलहन की खेती के लिए अत्यधिक अनुकूल हैं जहां अक्सर न्यूनतम सिंचाई की आवश्यकता होती है, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा की गई पहलों से सिंचाई के बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है और कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ी है।

Read Also: जयपुर में विंटेज कार रैली का हुआ आयोजन, 100 से अधिक प्रतिष्ठित मॉडल हुए शामिल

पोषाहार में भारतीय तिलहन फसलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बिरला ने आर्थिक सुरक्षा के साथ ही पोषण सुरक्षा में वृद्धि के लिए स्वदेशी तेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्वदेशी तेलों को अपनाने के महत्व की पुष्टि करते हुए याद दिलाया कि हमारे आस-पास की मिट्टी और जलवायु में जो प्राकृतिक रूप से उगता है, वही हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक लाभकारी है। उन्होंने तिलहन क्षेत्र के विकास को ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन से जोड़ते हुए किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाने, उचित प्रशिक्षण प्राप्त करने और बेहतर पैदावार तथा अधिक आय के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। बिरला ने छोटे क्षेत्रों में स्टार्ट-अप की मदद से उपलब्ध अपार अवसरों पर प्रकाश डालते हुए जैविक खेती तथा तिलहन उत्पादों के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और वितरण में उद्यमियों की भागीदारी का आह्वान किया ।

ओम बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि 45वें रबी ऑल इंडिया तिलहन सेमिनार में होने वाले विचार-विमर्श से भारत के तिलहन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी और पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री, एस.पी. सिंह बघेल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *