(प्रदीप कुमार): लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज गंगटोक, सिक्किम में सीपीए भारत क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन III सम्मेलन का उद्घाटन किया। सिक्किम के मुख्यमंत्री, प्रेम सिंह तमांग; राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश; अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और सीपीए भारत क्षेत्र जोन-III के अध्यक्ष, पासंग डी. सोना ; सिक्किम विधान सभा के अध्यक्ष अरुण कुमार उप्रेती; भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी; संसद सदस्य; सिक्किम विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए ।
इस अवसर पर गणतंत्र में चर्चा और संवाद पर जोर देते हुए ओम बिरला ने कहा कि चर्चा संवाद ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधानमंडल, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच के रूप में, मर्यादित चर्चा संवाद के ऐसे केंद्र बनें जिनमे कोई व्यवधान ना हो। उसी दशा में हमारी जनता की लोकतंत्र में, लोकतांत्रिक संस्थाओं में आस्था बढ़ेगी, और हमारा लोकतंत्र मज़बूत होगा।
ओम बिरला ने सम्मेलन के लिए चुने गए विषयों पर बोलते हुए कहा कि “साइबर बुलिंग “आज के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि विशेष रूप से किशोर और नौजवान इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। ओम बिरला ने बताया कि हमारा प्रयास है कि हम ऐसे कानून बनाए जिनसे सभी नागरिकों की सब प्रकार से सुरक्षा एवं संरक्षा हो। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग शासन में दक्षता में सुधार और लोगों के जीवन में सुधार के लिए किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही संस्थानों और लोगों को इसके दोषों से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए, ओम बिरला ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन में चर्चा के बाद जो निष्कर्ष निकलेगा उससे इस समस्या के समाधान का एक बेहतर मार्ग निकलेगा।
‘मादक पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने हेतु भावी योजना’ पर बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन के कारण हमारे नौजवान पीढ़ी पर असर पड़ रहा है। यह समस्या मात्र पूर्वोत्तर क्षेत्र की ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की समस्या है। संसद में इस बिषय पर 20 और 21 दिसंबर 2022 को हुई विस्तृत चर्चा की जिक्र करते हुए ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर विस्तृत और गहन चर्चा के बाद सदन से यह बात निकली थी कि सदस्यगण पूरे देश के अंदर व्यापक जन जागरण अभियान चलाकर युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन की बढ़ती समस्या को समाप्त करने के लिए सामूहिकता की भावना से कार्य करेंगे और नशामुक्त भारत बनाने के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जनप्रतिनिधि इस दिशा में समाज में जनजागरण करेंगे और समाज के अंदर युवाओं को सही दिशा देने का काम करेंगे।
संसद और विधानसभाओं को जनता/नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना बिषय पर बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि आज जिस तरह से आईटी के माध्यम से संसद और विधायिका और जनता के बीच में सक्रिय भागीदारी बढ़ी है, वह उल्लेखनीय है। लेकिन हमें और सक्रिय भागीदारी निभानी है। डिजिटल संसद का जिक्र करते हुए ओम बिरला ने कहा कि प्रौद्योगिकी की सहायता से विधायिका के काम काज को जनता तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से उनके साथ interact किया जा रहा है। उन्होंने कानून बनाने की प्रक्रिया में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया ताकि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार कानून बनाए जा सकें।
ओम बिरला ने उत्तर पूर्वी राज्यों की आर्थिक क्षमता पर बोलते हुए कहा कि यहाँ पर्यटन की, renewable energy की, ऑर्गैनिक farming के क्षेत्र में तथा हैन्डीक्राफ्ट के क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी रणनीति की परिकल्पना की जाए कि किस प्रकार हम यहाँ के लोगों के skill को, उनके हुनर को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार से जोड़ें ताकि इस पूरे क्षेत्र में समृद्धि आए । उन्होंने ने यह भी कहा कि हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा जिस समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा गया था, हम उसका निर्माण करेंगे।
ओम बिरला ने आगे कहा कि सीपीए भारत क्षेत्र का ज़ोन 3 अत्यंत महत्वपूर्ण मंच है। यह एक ऐसा सक्रिय जोन है जिसमे लगातार कई विषयों और मुद्दों पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के विधायकों के साथ चर्चा और संवाद होता है और इस चर्चा संवाद के माध्यम से कई विषयों पर एक सर्वमान्य हल निकलता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के इन विधान मंडलों के माध्यम से और जनप्रतिनिधियों के साझे प्रयासों से इन क्षेत्रों के आर्थिक, सामाजिक जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है।
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यह जिक्र करते हुए कि दुनिया ने कोविड महामारी के दौरान डिजिटल वर्ल्ड को अपनाना शुरू कर दिया था, राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश ने बताया कि भारतीय संसद ने भी भविष्य की तैयारी के लिए डिजिटलीकरण की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों के साथ जनता का संपर्क बढ़ाने के लिए नए आईटी सुधार किए जा रहे हैं। डिजिटल संसद ऐप और राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन इस दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एजेंडा आइटम ‘संसद और विधानसभा को जनता/नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना’ पर चर्चा के दौरान, प्रतिभागी एक पारदर्शी विधायिका के साथ जनसाधारण के प्रभावी संवाद की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालेंगे। सम्मेलन के दूसरे विषय ‘साइबर-बुलिंग’ के विषय में उन्होंने कहा कि डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनने के लिए नई डिजिटल तकनीकों को अपनाने के हमारे मिशन का साइबर बुलिंग जैसा एक नकारात्मक पहलू भी है।
साइबर बुलिंग के मामलों में भारत को एक अग्रणी क्षेत्र के रूप में दिखाने वाले वैश्विक आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन इस उभरती चिंता का समाधान ढूंढेगा। एजेंडे के तीसरे विषय यानी ‘मादक पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने हेतु भावी योजना’ पर उन्होंने कहा कि पूरा देश ड्रग एब्यूज के खतरे का सामना कर रहा है। यह बताते हुए कि हम दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र हैं, उन्होंने युवाओं को नए भारत के लिए तैयार करने के लिए इस समस्या को जड़ से खत्म करने का आग्रह किया।
सिक्किम के मुख्य मन्त्री प्रेम सिंह तमांग ने इस अवसर पर सभी गण्यमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष और सीपीए जोन III के चेयरमैन पासंग डी. सोना ने keynote address देते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, लोक महत्त्व के मुद्दों पर प्रासंगिक चर्चा के लिए देश और दुनिया के कानून निर्माताओं को एक साथ लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। स्वागत भाषण देते हुए सिक्किम विधान सभा के अध्यक्ष अरुण कुमार उप्रेती ने सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन विधि निर्माताओं और आमजन के बीच प्रासंगिक विषयों पर ज्ञान और विद्वता के आदर्श मिश्रण होते हैं। इससे पूर्व, अपने आगमन पर ओम बिरला ने सिक्किम विधान सभा के परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।