Lokshabha Elections – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिन्दु-मुसलमान पर क्यों देना पड़ी सफाई?

PM MODI

PM MODI:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ नहीं बोला है।साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी भी कभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही है।हालांकि, प्रधानमंत्री ने साफ किया कि वो किसी को भी ‘खास नागरिक’ के तौर पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं।पीटीआई को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ये बयान दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके (कांग्रेस) भाषणों का मकसद वोट बैंक की राजनीति के साथ-साथ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने की विपक्षी दलों की कोशिशों का पर्दाफाश करना है।इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से जब उनके बयानों की वजह से अल्पसंख्यकों के बीच पैदा हुई आशंकाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है। मैं केवल कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ बोल रहा हूं। कांग्रेस संविधान के खिलाफ काम कर रही है, यही बात मैं कहता रहा हूं।”पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू समेत भारतीय संविधान के निर्माताओं ने फैसला किया था कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होगा।उन्होंने कहा, “अब आप (कांग्रेस) उससे पलट रहे हो। उनका (कांग्रेस) खुलासा करना मेरी जिम्मेदारी है। उस समय संविधान सभा में मेरी पार्टी का कोई सदस्य नहीं था। ये देश भर के बड़े लोगों की सभा थी।”

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प्रधानमंत्री से जब पूछा गया कि क्या उनके चुनावी भाषणों में कभी अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया गया तो उन्होंने कहा, “बीजेपी कभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही। केवल आज ही नहीं, बल्कि कभी भी नहीं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण के रास्ते पर चलती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वे (कांग्रेस) लोग तुष्टीकरण के रास्ते पर चलते हैं, मैं संतुष्टीकरण के रास्ते पर चलता हूं।”उन्होंने कहा, “उनकी (कांग्रेस) राजनीति तुष्टीकरण की है, मेरी राजनीति ‘सबका साथ सबका विकास’ की है। हम ‘सर्व धर्म समभाव’ में विश्वास रखते हैं। हम सभी को अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं। हम किसी को खास नागरिक के तौर पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं, बल्कि सभी को समान समझते हैं।”जब प्रधानमंत्री से ये पूछा गया कि क्या उन्हें वाकई लगता है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो हिंदुओं की संपत्ति को मुसलमानों को दे देगी या केवल ये प्रचार के लिए कही गई बात है, तो उन्होंने कहा, “ये केवल मेरे इस तरह से सोचने का सवाल नहीं है। बिना किसी तर्क के प्रचार करना पाप है। मैंने कभी ऐसा पाप नहीं किया और ना ही करना चाहूंगा। उन्होंने (विपक्ष) ऐसे बिना तर्क के प्रचार अभियान चलाए हैं।”

प्रधानमंत्री ने माना कि जिस दिन कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया गया था, उस दिन उन्होंने कहा था कि इस पर मुस्लिम लीग की छाप है।उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को उसी दिन मेरी बात का खंडन करना चाहिए था और कहना चाहिए था कि ‘मोदी जी ये सही नहीं है’।”पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का वादा किया गया।उन्होंने कहा, “आप एक पुल बनाना चाहते हैं तो ठेका लेने के लिए बोली कौन लगाएगा? संसाधनों, विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी वाला कोई शख्स। लेकिन अगर आप वहां भी आरक्षण लाना चाहेंगे तो मेरे देश के विकास का क्या होगा

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पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद के सम्मेलन में दिए गए उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में सभी मुस्लिमों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण कोटे के तहत लाने के कांग्रेस शासित राज्य सरकार के फैसले का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा, “उन्होंने (कांग्रेस) ओबीसी आरक्षण में लूट की। मेरा मानना है कि इन्हीं लोगों ने अपनी चुनावी राजनीति के लिए हमारे संविधान में धर्मनिरपेक्षता की भावना को तबाह कर दिया। मैं संविधान की उस भावना को बहाल करना चाहता हूं।”

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