Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई एक सामान्य शादी के सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने एक नई बहस छेड़ दी है। चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि कैसे प्यार की गहराई दो लोगों की त्वचा के रंग के उस फर्क को भी दरकिनार कर सकती है जो अक्सर अलग-अलग समुदायों की सोच में छिपा दिखता है। Madhya Pradesh
एक निजी पारिवारिक समारोह के दौरान बनाया गया वीडियो अब सोशल मीडिया के जरिए लाखों दिलों को छू चुका है। ऋषभ राजपूत और सोनाली चौकसे की पहली मुलाकात 2014 में कॉलेज की जीव विज्ञान की कक्षा में हुई थी। उनके रिश्ते में प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ा। फोन पर लंबी बातचीत, स्टडी सेशन और एक जैसे सपनों के जरिए उनके बीच की डोर मजबूत होती चली गई।
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एक दशक बाद, ऋषभ और सोनाली ने अपने परिवारों की रजामंदी से शादी करने का फैसला किया। रंग-रूप और हाव-भाव से जुड़ी समाज की उम्मीदों को दरकिनार करते हुए दोनों ने भरोसे और बेहतर तालमेल पर ध्यान दिया। 23 नवंबर को ऋषभ की बहन का बनाया शादी का वीडियो अपलोड किए जाने के दो दिन बाद ही वायरल हो गया। Madhya Pradesh
कई लोगों ने एक दशक लंबी चली प्रेम कहानी के शादी के बंधन में बंधने के साथ पूरा होने को सराहा। लेकिन कुछ लोगों ने तो सिर्फ ऋषभ की त्वचा के गहरे रंग पर ही ध्यान केंद्रित किया। इससे त्वचा के रंग पर सामाजिक पूर्वाग्रहों पर चर्चा शुरू हो गई।
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सोनाली के लिए, बेहतर तालमेल, आपसी समझ और साथ मिलकर जिंदगी बनाने की काबिलियत किसी भी दूसरी चीज से ज्यादा मायने रखती है।
ट्रोलिंग पर ऋषभ और सोनाली का सीधा सा जवाब दमदार है कि दो लोगों की खुशी, प्यार, सम्मान और साझा अनुभव समाज के भेदभाव से तय नहीं हो सकते। वे तो कहते हैं कि भरोसे और बेहतर आपसी समझ की नींव पर टिकी शादी बाहरी दिखावे से कहीं ज्यादा बेहतर हो सकती है। Madhya Pradesh
