Maha Kumbh 2025: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य धार्मिक आयोजन की शुरूआत 13 जनवरी को हुई थी जिसका समापन 26 फरवरी 2025 को (Maha Kumbh 2025) महाशिवरात्रि के दिन होगा.चल रहे महाकुंभ में हर रोज लाखों की सख्या श्रद्धालु स्नान करने आते हैं आपको बता दें कि प्राचीन हिंदु ग्रंथों में लिखा है कि महाकुंभ का आयोजन लगभग 2 हजार सालों से हो रहा है. इतना ही नहीं, कुंभ मेला हिंदूं धर्म का महापर्व भी माना जाता है.
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वैसे तो धार्मिक और संस्कृति नगरी प्रयागराज में चल रहे आस्था के महाकुंभ मेले में चारों तरफ अनेकों रंग रूप दिखाई पड़ रहे वही दूसरी तरफ जूना अखाड़े में कुछ ऐसी धरोहर है जिसे को देखने के लिए लोगों की भड़ी लगी रहती हैं । आपको बता दें कि यहां पर एक ऐसा अनोखा पत्थर है जो पानी में तैरता है. इस पत्थर को देखने और पूजा करने के लिए ताता लगा रहता हैं
वीडियो में आप देख सकते है कि पानी से भरे इस टब में ऊपर तैर रहा ये पत्थर कोई मामूली पत्थर नहीं है ये है राम नाम का पत्थर कहा जाता है कि जब भगवान राम का सेत बांद्रा अभिसर पत्थर है जब सेतू बना था तो लका जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं था और जब सीता माता का हरण हुआ था तो जो सेतु बधा था तो हनुमान जी और नंद जी राम का नाम ले कर इस पत्थर को स्पर्श कर पानी में फेक देते थे तो ये पत्थर पानी में तैरने लगता था ।
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ये भगवा के नाम की शक्ति है इस अद्भुत पत्थर का श्रद्धालुओं को दर्शन कर रहे महत का कहना है की एक छोटे से पत्थर के टुकड़े को अगर जल में डाल दो तो वह नीचे बैठ जाता है लेकिन 20 से 25 किलो का राम नाम का ये पत्थर जल में तैरता रहता है ये त्रेता युग का रहस्य है और भगवान राम के नाम की शक्ति है। आपको बता दें कि हालाकि महाकुंभ मेले के सेक्टर 20 में बने जूना अखाड़े में नागा साधुओं के द्वारा इस रहस्यमय पत्थर का श्रद्धालुओं को दर्शन और पूजन कराया जा रहा है । वही राम नाम का ये पत्थर आकषर्ण का केंद्र बन हुआ है। वही पानी में तैर रहे इस अदभुत राम नाम के पत्थर दर्शन कर रहे है.