Manipur Violence Shelter Home Inauguration- मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए पूर्व-निर्मित (प्री-फैब्रिकेटेड) घर कोई स्थाई व्यवस्था नहीं है और राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की दिक्कतों को कम करने के लिए उनका निर्माण किया गया था।
उन्होंने ये भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। एन. बीरेन सिंह एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जहां इंफाल पूर्वी जिले के सजीवा जेल परिसर में 300 से ज्यादा परिवारों को अस्थायी आश्रय गृह सौंपे गए। ये लोग उसी इलाके में कई राहत शिविरों में रह रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “ये अस्थाई उपाय हैं। हमारी पहली प्राथमिकता पहाड़ियों और घाटी दोनों में प्रभावित लोगों का पुनर्वास करना है। आठ जगहों पर प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं।”प्री-फैब्रिकेटेड घर तैयार ढांचे हैं जिनका निर्माण कहीं और किया जाता है और इन्हें फिर उस स्थान पर इकट्ठा किया जाता है जहां घर स्थापित करना होता है।
सिंह ने कहा कि बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में 320, सजीवा में 400 और इंफाल पूर्व के सॉओमबुंग में 200 घर बनाए गए हैं जबकि थाऊबल जिले के येइथिबी लोकोल में 400 ऐसे घर बनाए गए हैं।उन्होंने कहा, “घाटी में अगले 10-15 दिनों में इन्हें पहुंचा दिया जाएगा। हमने कई इलाकों में स्थाई ढांचों के निर्माण के लिए एक सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में इसमें थोड़ी देरी होगी।