Mathura Vrindavan: मथुरा के जमुनापार क्षेत्र में एक मुस्लिम परिवार के आठ सदस्यों ने बृहस्पतिवार 1 मई को वृंदावन के एक आश्रम में वैदिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित धार्मिक समारोह में हिंदू धर्म अपना लिया। परिवार के सदस्यों ने अपना नाम भी बदल लिया और कहा कि यह निर्णय स्वैच्छिक है और उनके पैतृक धर्म पर आधारित है।
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परिवार के मुखिया 50 वर्षीय जाकिर ने अपना नाम बदलकर अब जगदीश कर लिया है। वह मूल रूप से जिले के शेरगढ़ क्षेत्र के रहने वाले हैं, लेकिन सालों से अपनी ससुराल के गांव में रहकर दुकान चलाते हैं। मीडिया से बात करते हुए जगदीश ने कहा कि मुगल काल तक हमारे पूर्वज हिंदू थे। उन्होंने दबाव में आकर इस्लाम धर्म अपना लिया। लेकिन मन, वचन व कर्म से मैं देवी काली की पूजा करता रहा हूं। गांव वाले आज भी मुझे ‘भगत जी’ कहते हैं। उन्होंने कहा कि मूल रूप से गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाला परिवार पिछले तीन सालों से अपनी जड़ों की ओर लौटने पर विचार कर रहा था। उन्होंने कहा कि हमने हिंदू धर्म में पूरी आस्था रखते हुए, बिना किसी दबाव या प्रलोभन के यह कदम उठाया।
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वृंदावन के श्री जी वाटिका कॉलोनी में भागवत धाम आश्रम में हिंदू युवा वाहिनी ने धर्म परिवर्तन कराया। जगदीश की पत्नी, बेटों, बहुओं और पोते-पोतियों समेत परिवार ने एक घंटे तक चले हवन-यज्ञ अनुष्ठान में भाग लिया। धर्म परिवर्तन के बाद जाकिर का नाम जगदीश, उनकी पत्नी गुड्डी का नाम गुड़िया, बड़े बेटे अनवर का नाम सुमित, छोटे बेटे रनवर का नाम रामेश्वर, बहू सबीरा का नाम सावित्री और पोते-पोतियों सबीर, जोया व नेहा का नाम क्रमशः शत्रुघ्न, सरस्वती और स्नेहा रखा गया। हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शरद सैनी ने कहा कि परिवार ने गंगा जल से शुद्धिकरण किया और समारोह से पहले भगवा पटका पहनाया। उन्होंने कहा, “उन्होंने यह कदम पूरी तरह से अपनी इच्छा से उठाया। यहां तक कि बच्चे भी अपने पैतृक धर्म में लौटने को लेकर बहुत खुश हैं। वृंदावन कोतवाली प्रभारी प्रशांत कपिल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण थी। इसमें किसी तरह का दबाव या प्रलोभन नहीं था और किसी पुलिस कार्रवाई की जरूरत भी नहीं पड़ी।