चंडीगढ़(अनिल कुमार): एसवाईएल के स्थाई समाधान की दिशा में 14 अक्तूबर को हरियाणा और पंजाब के दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि एसवाईएल हरियाणावासियों का हक है और यह उन्हें अवश्य मिलेगा। 14 अक्तूबर को इसी बारे उनकी बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ 11.30 बजे होगी, जिसमें इस मामले के समाधान के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल का पानी अत्यंत आवश्यक है। अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होना जरूरी है, ताकि प्रदेश के किसानों को पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित हो सके।
आदमपुर चुनाव से पहले एसवाईएल के मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। एसवाईएल के स्थाई समाधान की दिशा में 14 अक्तूबर को हरियाणा और पंजाब के दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि एसवाईएल हरियाणावासियों का हक है और यह उन्हें अवश्य मिलेगा। 14 अक्तूबर को इसी बारे उनकी बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ 11.30 बजे होगी, जिसमें इस मामले के समाधान के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल का पानी अत्यंत आवश्यक है। अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होना जरूरी है, ताकि प्रदेश के किसानों को पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित हो सके।
उल्लेखनीय है कि एसवाईएल के पानी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा निरंतर अथक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश की जनता को उसका जायज हक दिलवाया जाएगा। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री की ओर से 6 मई 2022 को एक अर्ध-सरकारी पत्र केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को भेजा गया था, जिसमें पंजाब व हरियाणा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दूसरे दौर की बैठक जल्द से जल्द बुलाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री श्री अमित शाह को भी इस विषय में एक अर्ध-सरकारी पत्र लिखा था, जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने की बात कही गई थी। हरियाणा की ओर से इस बैठक के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री को भी 3 अर्ध-सरकारी पत्र लिखे गए थे। अब इसी कड़ी में आगामी 14 अक्तूबर को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी, जिसमें एसवाईएल के मुद्दे पर स्थाई समाधान की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में मीडिया सेंटर के नवीनीकरण कार्य का उद्घाटन व विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी के लिए पोर्टल लॉन्च करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के लॉन्च होने से शहरी स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से पारदर्शी तरीके से सरकारी भवनों व प्राइवेट भवनों पर विज्ञापन लगाने के लिए अनुमति प्रदान की जा सकेगी। सभी नगर निकायों को कलेक्टर रेट का 3.2 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। सरकारी स्थलों का ई-ऑक्शन किया जाएगा। इसका न्यूनतम रेट 4 प्रतिशत होगा, जिसमें से 40 प्रतिशत एमसी को और 60 प्रतिशत भवन मालिक को मिलेगा। राज्य में सभी नगर निकाय, सरकारी विभाग, बोर्ड, निगम, प्राधिकरण अब विज्ञापन हेतू ई-नीलामी के लिए अपनी संपत्तियों को पोर्टल पर सूचीबद्ध कर सकते हैं। निजी संपत्ति मालिक भी ई-नीलामी के माध्यम से विज्ञापन अनुमति देने के लिए इस पोर्टल पर अपनी संपत्ति/संपत्तियों को सूचीबद्ध करने का विकल्प चुन सकते हैं।
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नगर निकायों की भूमिका केवल इस पोर्टल पर आवेदनों को संसाधित करने और संपत्तियों को सूचीबद्ध करने, आरक्षित मूल्य भरने तथा नीलामी की तिथी निर्धारित करने की होगी। इसके बाद पोर्टल पर स्वतः ही नीलामी आयोजित होगी और उच्चतम बोली लगाने वाले का चयन होगा। इसके अलावा, सभी विज्ञापन अनुमतियां, अनुबंध, भुगतान, प्रतिभूतियों का प्रबंधन इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। इससे मजबूत राजस्व संग्रहण और अनुबंध प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। एक बार पोर्टल पर पंजीकृत विज्ञापन संस्थाएं राज्य में नगर निकायों में सभी सूचीबद्ध विज्ञापन संपत्तियों की ई-नीलामी में भाग ले सकती हैं। यह पोर्टल न केवल विज्ञापन अधिकार प्रदान करने में पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि नगर निकायों और अन्य सरकारी संस्थाओं की विज्ञापन के माध्यम से राजस्व में भी वृद्धि करेगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुगम तरीके से बाजरे की खरीद की जा रही है। इस बार बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि मंडियों में खरीद 1850-1900 रुपये प्रति क्विंटल हो रही है। किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो, इसलिए राज्य सरकार की भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को 450 रुपये का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खरीफ फसलों की निर्बाध खरीद के लिए मंडियों में समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। फसलों के उठान की व्यवस्था पुख्ता की गई है ताकि मंडडियों में दूसरे किसान अपनी फसलें समय पर ला सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि है फेड द्वारा भी बाजरे की खरीद की जा रही है। मंडियों में व्यवस्था ठीक है और खरीद सुचारू रूप से चल रही है। मौसम खराब होने की वजह से फसल खरीद में थोड़ी-बहुत दिक्कतें आई। इस कारण किसान अपनी फसल मंडियों में जल्दी लेकर आ गये। 10 अक्तूबर, 2022 तक प्रदेश में 59,414 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद हुई है। किसानों की सुविधा के लिए ई-खरीद हरियाणा मोबाइल एप लॉन्च की गई है। इसमें किसानों को पंजीकृत फसलों की संख्या, गेट पास और खरीद के लिए लायी जा सकने वाली फसल की मात्रा के बारे में वास्तविक जानकारी मिल रही है। कोई भी किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर दर्ज करके ये विवरण प्राप्त कर सकता है। इस एप पर किसान अपनी शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं।
एसवाईएल के स्थाई समाधान की दिशा में 14 अक्तूबर को हरियाणा और पंजाब के दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। देखना ये होगा कि क्या इस बैठक में कोई समाधान निकल पायेगा या नहीं या फिर पहले की तरह ही इस मुद्दे पर राजनीति होती रहेगी।