Missing Tile Syndrome: आपने अपने आसपास कई ऐसे लोगों को देखा होगा जिनके पास सबकुछ होता है मगर फिर भी वह ऐसा ही महसूस करते हैं कि उनके पास कुछ कमी है। इन लोगों को जीवन में कुछ खालीपन यानी कुछ कमी होने का एहसास होता है। हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी जिंदगी में सबकुछ खराब है हम दूसरों से अपनी तुलना करने लगते हैं। जिससे हम अपनी या अपने आसपास की अच्छी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं इससे हमारी खुशियों पर ग्रहण लग जाता है। ऐसा लगभग हर किसी के साथ होता है। मगर ऐसा होता क्यों है आइए जानते हैं-
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आपको बता दें, ये सब “मिसिंग टाइल सिंड्रोम” के कारण होता है। कई मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों के मुताबिक ये मिसिंग टाइल सिंड्रोम ही है जो लोगों की जिंदगी की 90 फीसदी से ज्यादा समस्याओं की जड़ है। इसका शिकार होने के चलते ही लोग अपने अंदर या अपने आसपास की गलत चीजों पर फोकस, किसी कमी या खालीपन का एहसास करते हैं और वास्तव में उनके पास या आसपास जो अच्छी चीजें है उन्हें अनदेखा कर देते हैं। ये एक नजरिया है जो नकारात्मक चीजों पर फोकस कराता है। इसके चलते जीवन की खूबसूरती बिगड़ जाती है।
क्या है Missing Tile Syndrome ?
मिसिंग टाइल सिंड्रोम एक मनोवैज्ञानिक घटना है जिसमें लोगों का ध्यान उन चीजों पर ज्यादा जाता है जो अनुपस्थित हैं या जो गलत हैं, बजाय इसके कि जो सही हैं या मौजूद हैं। यह एक प्रकार का नकारात्मकता पूर्वाग्रह है जिसमें हम उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमें परेशान करती हैं या हमारी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती हैं। ये मिसिंग टाइल सिंड्रोम ही है जो हमारे जीवन की खुशियों पर ताला लगाने का काम करता है। इसलिए हम कह सकते है कि ये हमारी जिंदगी की अधिकतर समस्याओं का कारण है।
मिसिंग टाइल सिंड्रोम के कुछ उदाहरण
हम दूसरों को देखकर अपने अंदर कमियां महसूस करने लगते हैं जिससे हम टेंशन लेने लगते हैं और खुद को कोसने लगते हैं। ऐसा मिसिंग टाइल सिंड्रोम के कारण ही होता है। वैसे ही जब आप एक कमरे में प्रवेश करते हैं और आपका ध्यान सबसे पहले उस एक धब्बे या दाग पर जाता है जो दीवार पर है, बजाय उसकी सुंदरता, वहां की आकर्षक चीजों और कमरे की स्वच्छता पर। या फिर जब आप एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे होते हैं और आपका ध्यान सबसे पहले उन चीजों पर जाता है जो गलत हैं या जो अधूरी हैं, बजाय इसके कि जो चीजें सही हैं और पूरी हैं। ये मिसिंग टाइल सिंड्रोम हम सभी की जिंदगी में होता है इसीलिए हम अपने अंदर या आसपास की खूबसूरत और खुशी देने वाली चीजों को देखना बंद कर देते हैं और छोटी-छोटी कमियों पर फोकस कर परेशान होकर दुखी होते हैं।
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ऐसे करें बचाव
मिसिंग टाइल सिंड्रोम से बचने के लिए, हमें अपने दृष्टिकोण(नजरिए) को बदलने और उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो सही हैं और जो हमारे जीवन को बेहतर बनाती हैं। बजाय इसके कि क्या गलत है और क्या कमी है। जीवन में खुशी रहना है तो जो हमारे पास है हमें उसमें ही खुश रहना सीखना चाहिए। बेहतर जिंदगी के लिए या करियर में तरक्की के लिए लोगों से अपनी तुलना न करें, बस अपने लक्ष्य पर फोकस करें। नकारात्मकता को दरकिनार कर सकारात्मकता पर ध्यान दें।
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