(दिवाँशी)- MANSOON BREAKING- इस वर्ष मानसून धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रहा है, जिसका कारण शोधकर्ताओं द्वारा जलवायु परिवर्तन बताया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन से धीरे- धीरे मानसून प्रभावित होने लगा है। जिसका असर बारिश और उसके पैटर्न पर देखने को मिल रहा है। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के भू भौतिक विभाग के प्रमुख प्रोफेसर राजीव भाटला की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने पिछले 113 वर्षों के आंकड़ों की जांच की। आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान पश्चिमी भारत में मानसूनी बारिश में वृद्धि हुई है, वहीं पूर्वोत्तर भारत में जबरदस्त कमी आई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के जर्नल ‘मौसम’ में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 1901 से 2013 के दौरान जून से सितंबर और जुलाई से अगस्त के बीच होने वाली बारिश के पैटर्न की जांच की। साथ ही दशक और तीन दशकों के बीच मानसूनी बारिश के पैटर्न में आए बदलावों का अध्ययन किया है।

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हर तीन दशक में बदला पैटर्न, शोध में आया सामने
एक शोध में बारिश के बदलते पैटर्न का विश्लेषण किया गया। साथ ही, उन्होंने दक्षिण पश्चिमी में आई बारिश का भी विश्लेषण किया। इस अध्ययन के नतीजों के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्र में बारिश में हर दिन 0.2 से एक मिली मीटर की वृद्धि दर्ज की गई।
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