Nasha Mukti : जम्मू कश्मीर में नशे की लत भारी सिरदर्दी रही है। अब ये चुनौती दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जानकारों के मुताबिक हाल में कई साइकोट्रोपिक दवाओं, मसलन हेरोइन की लत में तेज बढ़ोतरी हुई है। इसकी मुख्य वजह है, हेरोइन जैसे नशे का आसानी से मिल जाना। जानकार बताते हैं कि ऐसा नहीं कि ड्रग की लत किसी खास उम्र के लोगों को ही लगती है। सामने आए मामलों में 14 साल के किशोरों से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं।
नशीली दवाएं तरह-तरह की होती हैं। जानकारों की मानें तो नशे की लत की एक और बड़ी वजह उनका आसानी से उपलब्ध होना भी है।इलाज करा रहे नशे के कुछ मरीजों ने माना कि उन्होंने शुरू में तो मनोरंजन के लिए नशा किया, फिर इसकी लत लग गई। उनका कहना है कि एक बार लत लगने के बाद उसे छुड़ाना मुश्किल है।
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अधिकारियों ने बताया कि वे नशे के खतरे को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस चुनौती से असरदार तरीके से निपटने के लिए सामुदायिक कोशिश जरूरी है।जम्मू कश्मीर में नशे के मरीजों के इलाज के लिए कई पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा नशे के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाते हैं।जम्मू कश्मीर में नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान चला रहे जानकारों और अधिकारियों को उम्मीद है कि वे जल्द इस चुनौती को दूर कर लेंगे, नशे के आदी लोगों को मुख्यधारा में शामिल करेंगे और स्वस्थ समाज बनाने में अहम योगदान देंगे।