Navratri 2023 Maa Katyayni Puja: 20 अक्टूबर 2023 को मां कात्यायनी की पूजा होगी. देवी दुर्गा की छठवीं शक्ति मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था। इसलिए इनका नाम कात्यायनी रखा गया। शीघ्र विवाह, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक मानी जाती है।मां कात्यायनी को ब्रजमंडल की अधिष्ठदात्री देवी हैं। इनके आशीर्वाद से भक्त को मनचारा जीवनसाथी मिलता है। जानें शारदीय नवरात्रि के 6वें दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि, उनका प्रिय भोग, रंग और मंत्र.
शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के दिन मां कात्यायनी की पूजा के लिए सूर्यास्त का समय अच्छा माना जाता है. इस दौरान देवी साधना करने से समस्त मनोकामना पूरी होती है।
शाम का मुहूर्त – शाम 04.22 – शाम 05.47
मां कात्यायनी की पूजा विधि
नवरात्रि के छठवें दिन सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें. इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार पूजन कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें। इसके बाद उनके समक्ष घी अथवा कपूर जलाकर आरती करें. अंत में मां के मन्त्रों का उच्चारण करें।मां कात्यायनी की पूजा में सफेद या पीले रंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं ।
मां कात्यायनी का भोग
मां कात्यायनी की पूजा में शहद का भोग लगाएं. मान्यता है इससे सौंदर्य में निखार आता है।वैवाहिक जीवन में मिठास आती है और धन-संपत्ति का लाभ मिलता है।
मां कात्यायनी मंत्र
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा, ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ॥
- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥
- चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि