Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिलकर उनकी जयंती पर केंद्र सरकार से राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की।पीटीआई वीडियो से चंद्र कुमार बोस नेे कहा, “युवा पीढ़ी वास्तव में नेताजी को नहीं समझ सकी क्योंकि उनके कई वीरतापूर्ण कार्य इतने साल तक दबाए रखे गए थे। निश्चित रूप से, 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। हमें बेवजह कारणों से बहुत सारी छुट्टियां मिलती हैं, लेकिन नेताजी निश्चित रूप से इसके हकदार हैं।
इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि, मुझे लगता है कि आज अगर हम नेताजी का सम्मान करना चाहते हैं, तो हमें उस व्यक्ति को समझना चाहिए। राष्ट्र को एकजुट रखने के लिए उनकी समावेशी, धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का पूरे भारत में प्रचार और लागू किया जाना चाहिए। आज हम सांप्रदायिक राजनीति, विभाजनकारी राजनीति, वोट-बैंक की राजनीति देखते हैं। नेताजी ने इस तरह के विभाजन के खिलाफ दृढ़ता से लड़ाई लड़ी।
Read also-केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी: 2021 से देश 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मना रहा है
इससे पहले दिन में, ममता बनर्जी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन छुट्टी करने की बीजेपी सरकार की घोषणा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राजनैतिक उद्देश्य के लिए छुट्टी की घोषणा की गई है, लेकिन नेताजी के सम्मान में राष्ट्रीय अवकाश का ऐलान नहीं किया गाय।
चंद्र कुमार बोस, नेताजी के परपोते: युवा पीढ़ी वास्तव में नेताजी को नहीं समझ सकी क्योंकि उनके कई वीरतापूर्ण कार्य इतने साल तक दबाए रखे गए थे। निश्चित रूप से, 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। हमें बेवजह कारणों से बहुत सारी छुट्टियां मिलती हैं, लेकिन नेताजी निश्चित रूप से इसके हकदार हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि, मुझे लगता है कि आज अगर हम नेताजी का सम्मान करना चाहते हैं, तो हमें उस व्यक्ति को समझना चाहिए। राष्ट्र को एकजुट रखने के लिए उनकी समावेशी, धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का पूरे भारत में प्रचार और लागू किया जाना चाहिए। आज हम सांप्रदायिक राजनीति, विभाजनकारी राजनीति, वोट-बैंक की राजनीति देखते हैं। नेताजी ने इस तरह के विभाजन के खिलाफ दृढ़ता से लड़ाई लड़ी।”
(Source PTI)