(प्रदीप कुमार): लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने आज संसद भवन परिसर में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिए आयोजित परिबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, ओम बिरला ने कहा कि भारत की विविधता इसकी ताकत है और हमारी यही शक्ति हमारे संविधान में निहित है। उन्होंने कहा कि अन्य लोकतांत्रिक देशों से अलग, भारत में लोकतंत्र हमारी परंपरा से जुड़ा है और हमारे जनजीवन का अंग रहा है।
ओम बिरला ने भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें वनों की सुरक्षा के साथ ही देश में वन क्षेत्र में वृद्धि के लिए भी कार्य करना चाहिए। ओम बिरला ने यह भी कहा कि कानूनों को लागू करते समय अधिकारियों को उन लोगों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए जिनका जीवन और आजीविका वनों पर निर्भर है।
जलवायु संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि जलवायु संरक्षण और प्रकृति की आराधना भारतीय संस्कृति और परंपरा के अभिन्न अंग रहे हैं। स्पीकर बिरला ने हर्ष व्यक्त किया कि आज भारत जलवायु संरक्षण में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। अब दुनिया समझ गई है कि पर्यावरण संतुलन के लिए संतुलित जीवन शैली आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत के प्रयासों के कारण ही यह संभव हुआ है।
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लोक सभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन प्रबंधन के बारे में होने वाले विधायी वाद-विवाद के बारे में अधिक जानकारी लें। इससे उन्हें नीतियों को समझने और उन्हें बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।
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