नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट को सबसे पहले पाया गया था। WHO ने ओमिक्रॉन (B.1.1.529) को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में डाला है। अब वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन के नए लीनिएज BA.2 के कई मामले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मिले हैं।
ओमिक्रॉन में लगभग 50 से भी ज्यादा म्यूटेशन हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन के नए प्रकार का पता लगाना ज्यादा मुश्किल है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ओमिक्रॉन का वंश में विभाजन वैज्ञानिकों के लिए ज्यादा दिलचस्प का विषय है क्योंकि ये महामारी विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने में उनकी मदद करेगा।
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ओमिक्रॉन वैरिएंट के अलग-अलग हो जाने पर दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB), के वरिष्ठ वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने एक ट्वीट में लिखा ‘B.1.1.529 (ओमिक्रॉन) वंश अब BA.1 और BA.2 में विभाजित हो गया है। इसमें BA.1 में मूल वंश जबकि BA.2 में बाहरी के साथ लगभग 24 म्यूटेशन शामिल होंगे।
इससे पहले डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2), भी पहले दो और फिर तीन वंशों में विभाजित हो गया था जिसमें डेल्टा प्लस भी शामिल था। बाद में ये लगभग 100 की संख्या की संख्या में कई वंशों में बंट गया था। हालाँकि, अच्छी बात यह रही की इससे कुछ ख़ास नुकसान नहीं हुआ।
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