One Nation One Election: लोकसभा में आज वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पेश होते ही भारी हंगामा हो गया। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन में पेश करने की अनुमति मांगी। विपक्ष ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। वहीं इस बिल के समर्थन में सरकार का पक्ष मजबूती से रखते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह बिल पूरी तरीके से कानून सम्मत और संविधान सम्मत है।
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इससे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों के वोट देने के अधिकार पर हमला है। चुनाव आयोग को इस विधेयक में बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। संविधान में चुनाव आयोग को सिर्फ चुनाव कराने की व्यवस्था करने का ही प्रावधान किया गया है लेकिन इस विधेयक में राष्ट्रपति के चुनाव आयोग से चुनाव को लेकर सलाह लेने का प्रावधान दिया गया है, जो संविधान के खिलाफ है। टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि संविधान संशोधन के तहत चुनाव आयोग को काफी शक्तियां दी जा रही हैं, जिसके बाद राज्य सरकारें चुनाव आयोग के सामने कुछ नहीं रह जाएंगी। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के आधारभूत ढांचे के खिलाफ है। यह विधेयक क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर देगा और इससे सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों को फायदा होगा।
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बिल पर विपक्ष के विरोध के बाद इसे स्वीकार करने की प्रक्रिया के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की प्रक्रिया अपनाई गई। पहले इस बिल के पक्ष में कुल 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े कुल 369 सदस्यों ने वोट डाला। यह पहली बार हुआ जब लोकसभा में इलेक्ट्रॉनिक मशीन के जरिए वोटिंग कराई गई। इस प्रक्रिया को लेकर कई विपक्षी सांसदों ने हंगामा भी किया। विपक्ष ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पर सवाल खड़े किए। विपक्ष की इस आपत्ति पर गृह मंत्री अमित शाह ने दख़ल दिया। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों की आपत्ति पर कहा कि आपको इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की प्रक्रिया भी बताई जाएगी। सेक्रेटरी जनरल आपको पूरी व्यवस्था बताएंगे और ये भी बताएंगे कि अगर गलती से गलत बटन दब गया है तो आप पर्ची से अपना मत दोबारा कर सकते है। इसके बाद जब पर्ची से संशोधित वोटिंग हुई तो इस बिल के पक्ष में 269 सांसदों ने मतदान किया जबकि इसके खिलाफ 198 सांसदों ने वोटिंग की। इसी के साथ लोकसभा में इस बिल को स्वीकार कर लिया गया है और अब इस विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी के पास भेजा गया है।
