इस्लामाबाद: पाकिस्तान में लोगों के बीच वैक्सीन लगवाने को लेकर संकोच देखने को मिल रहा है। ऐसे में प्रांतीय सरकारें लोगों पर वैक्सीन लगवाने के लिए ‘अजीबोगरीब’ तरीके से दबाव बना रही हैं।
दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों का सिम कार्ड ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये निर्णय प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. यासमीन रशीद की अध्यक्षता में लाहौर में हुई बैठक में लिया गया।
इस कदम का उद्देश्य उन सभी नागरिकों को वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर करना है, जो अब तक इसे लगवाने के लिए इनकार कर रहे हैं।
पंजाब प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन की वजह से प्रांत में कोरोना के नए मामलों में काफी कमी देखने को मिली है।
हालांकि, पंजाब प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा डाटा इकट्ठा कर तैयार की गई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रांत अभी भी वैक्सीनेशन के अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहा है।
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प्रांत में वैक्सीन लगवाने वाले तीन लाख लोग ऐसे हैं, जो एक फरवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान के दौरान पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज के लिए वापस नहीं लौटे।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रशासन उन लोगों की पहचान और कैटेगरी बना रहा है, जो अपनी फिक्स तारीखों पर कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए नहीं आए।
अधिकारी ने कहा कि इस बात की भी संभावना है कि उनमें से कुछ की दूसरी डोज लेने से पहले ही मौत हो गई हो। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले इन लोगों के एक वर्ग पहली डोज लेने के बाद कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकता है।
इसके बाद उसने दूसरी डोज नहीं लेने का फैसला किया होगा। वहीं, अन्य लोग वैक्सीन को लेकर फैलाए जा रहे नेगेटिव प्रोपेगैंडा का शिकार हुए हैं।
इससे पहले, सिंध प्रांत की सरकार ने निर्णय लिया था कि जिन सरकारी कर्मचारियों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उनकी सैलरी को रोक दिया जाए।
सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे कर्मचारियों की एक लिस्ट तैयार करें, ताकि निर्णय को लागू किया जा सके।
बता दें, पाकिस्तान में अब तक 95 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाई गई हैं। वहीं, अगर पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों की संख्या की बात करें तो ये महज 25.4 लाख है।
देश की 21 करोड़ की जनसंख्या के मुकाबले ये अनुपात काफी कम है। यही वजह से अब सरकार की चिंता बढ़ गई है।
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