(प्रदीप कुमार) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, टीचर्स और पेरेंट्स के साथ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने एग्जाम प्रेशर, स्मार्ट वर्क, हार्ड वर्क, टेक्नोलॉजी, गैजेट और स्मार्टफोन से जुड़े तमाम सवालों का जवाब दिया। परीक्षा पे चर्चा के दौरान छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी से कई अलग-अलग सवाल पूछे। पीएम मोदी से छात्रों ने पैरेंट्स के डांट को लेकर भी सवाल पूछ लिए। इसपर पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों ने बड़ी चतुराई से माता-पिता के डांट से बचने के लिए मुझे भी शामिल कर लिया। छात्रों ने पीएम मोदी से पूछा था कि आखिर वो कैसे मीडिया और विपक्ष की आलोचना के तनाव से बच पाते हैं। पीएम मोदी ने इसके बाद कहा कि बच्चों के माता-पिता उसे डांटते नहीं है बल्कि टोका-टोकी करते हैं। यही गलत है पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि कई लोग आदतन आलोचना करते रहते हैं। Pariksha pe charcha 2023
इन लोगों की आलोचना पर ध्यान मत दीजिए।उसे अनदेखा कर दीजिए। पीएम मोदी ने छात्रों के मां-बाप को भी बच्चों की लगा तार टोका-टोकी करने से बचने की सलाह दी है। पीएम मोदी ने पार्लियामेंट का उदाहरण देते हुए बच्चों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कुछ मौकों पर सांसद अच्छी तैयारी करके आते हैं। तो विपक्ष के लोग ऐसे ही कोई टिप्पणी कर देते हैं।इससे उनकी पूरी तैयारी पीछे छूट जाती है और सांसद उसी टिप्पणी का जवाब देता रहता है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आरोप और आलोचना के बीच बहुत बड़ी खाई है। आलोचना हमें समृद्ध करती है। आलोचना को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए जबकि आरोप पर ध्यान मत दीजिए। अगर हम ठीक हों तो आरोप की परवाह नहीं करनी चाहिए।पीएम मोदी ने कहा कि मां-बाप से भी मेरा आग्रह है कि टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों में ‘बदलाव’ नहीं कर सकते। हर मां-बाप अपने बच्चों का सही मूल्यांकन करें और बच्चों के भीतर हीन भावना को न आने दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को सोशल मीडिया पर ध्यान नहीं भटकाने की सलाह देते हुए सुझाव दिया कि हमें डिजिटल फास्टिंग को अपनाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरान अपने फोन और लैपटॉप दूर रहना चाहिए। पीएम मोदी ने माता-पिता को नो टेक्नोलॉजी जोन बनाने का भी सुझाव दिया। पीएम मोदी ने कहा हमारे देश में अब गैजेट-उपयोगकर्ता के लिए औसतन छह घंटे का स्क्रीन-टाइम है।पीएम ने कहा कि यह निश्चित रूप से उस समय और ऊर्जा की मात्रा को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अर्थहीन और उत्पादकता के बिना निकाल दी जाती है। यह गहरी चिंता का विषय है और लोगों की रचनात्मकता के लिए खतरा है।
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा तभी परिणाम मिलेगा। पीएम ने कहा कि हमें ‘स्मार्टली हार्डवर्क’ करना चाहिए तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे। पीएम ने छात्रों से कहा कि केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए। छात्रों को परीक्षा के तनाव को दूर करने में मदद करने के लिए परीक्षा पे चर्चा एक जन आंदोलन के रूप में उभरा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष लगभग 38.80 लाख पंजीकरण हुए हैं, जिनमें से 16 लाख से अधिक राज्य बोर्डों से हैं। यह परीक्षा पे चर्चा – 2022 के दौरान हुए पंजीकरण (15.73 लाख) से दो गुना अधिक है।
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ये पंजीकरण 155 देशों से किए गए हैं। पीएम मोदी की इस अनूठी और लोकप्रिय पहल ने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, उन्हें तनाव का प्रबंधन करने के साथ-साथ स्वस्थ और फिट रहने में मदद की है। तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री के ज्ञान के लाइव शब्दों से 2400 से ज़्यादा छात्र लाभान्वित हुए है। वहीं, लाखों छात्रों ने अपने-अपने स्कूलों से कार्यक्रम को लाइव देखा है। पीएम मोदी ने विद्यार्थियों को जरूरी टिप्स देने के लिए 2018 में ‘एग्जाम वॉरियर्स’ पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में छात्रों को 28 मंत्र दिए गए हैं। इतना ही नहीं पुस्तक में पीएम मोदी ने अभिभावकों के लिए भी आठ सुझाव भी दिए हैं। इस पुस्तक की सफलता को देखते हुए, अब इसे 11 भारतीय भाषाओं यानी असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में प्रकाशित किया जा रहा है। हिंदी और अंग्रेजी के संशोधित संस्करण भी प्रकाशित किए गए हैं।
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