Parliament Monsoon Session: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज विशेष बहस शुरू हो गयी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरुआत की।रक्षामंत्री ने अपने बयान में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सेना के पराक्रम की भरपूर सराहना की। सदन में रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर किसी दबाव में नही रोका गया, जरूरत पड़ने पर यह फिर होगा। लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की विशेष चर्चा शुरू हो गयी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति का प्रतीक है।रक्षामंत्री ने इसे ऐतिहासिक और निर्णायक कार्रवाई करार दिया है।रक्षामंत्री ने कहा कि 6 और 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन था। इस ऑपरेशन में 22 मिनट के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त क्या गया,इसमे 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और समर्थक मारे गएParliament Monsoon Session
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रक्षामंत्री ने इसे “भारत के माथे पर साहस का टीका” करार देते हुए कहा कि भारत शांति की भाषा बोलता है, लेकिन विश्वासघात का जवाब देना भी जानता है।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सीमा पार करना या क्षेत्र पर कब्जा करना नहीं था, बल्कि आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था। रक्षामंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले का जवाब थी.Parliament Monsoon Session
रक्षामंत्री ने यह भी जोर देकर कहा कि ऑपरेशन को किसी बाहरी दबाव में नहीं रोका गया, बल्कि भारत ने अपने राजनैतिक और सैन्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के बाद इसे “विराम” दिया।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “यह कहना या मानना कि ,ऑपरेशन सिंदूर किसी दबाव में रोका गया पूरी तरह गलत और निराधार है। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने स्वयं भारतीय समकक्ष से संपर्क कर हमले रोकने का अनुरोध किया था। हमने यह स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में कोई और दुस्साहस हुआ, तो यह ऑपरेशन फिर से शुरू होगा Parliament Monsoon Session Parliament Monsoon Session
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इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि वे इस ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठाने के बजाय यह पूछें कि क्या यह कार्रवाई सफल रही। उन्होंने कहा कि भारत के किसी भी सैनिक को नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई महत्वपूर्ण संपत्ति को क्षति पहुंची। ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने समन्वित रूप से काम किया, जिससे पाकिस्तान को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ऑपरेशन सिंदूर पर इस चर्चा में गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी बयान देने की जानकारी है। कल, 29 जुलाई को राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर 16 घंटे की चर्चा होगी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में यह बहस भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और सैन्य ताकत का प्रदर्शन मानी जा रही है Parliament Monsoon Session