(देवेश कुमार): पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर अब मांग तेज हो गई है। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने के लिए लगातार मांग उठती रहती है अब ऐसे में एक बार फिर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी दायरे में लाने के लिए मांग तेज हो गई है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। और आग्रह किया है कि लंबे समय से व्यापारी, फैक्ट्री ओनर और आम आदमी पेट्रोल और डीजल के जीएसटी में लाने की मांग कर रहे हैं। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग है, इसमें इस पर चर्चा और फैसला होना चाहिए।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने को लेकर बयान दिया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि राज्यों के सहमत होने पर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाया जा सकता है। ऐसे में अब यह मांग और तेज हो गई है। 18 फरवरी को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक भी होने वाली है। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल का कहना है कि जीएसटी के अधिकतम टैक्स स्लैब 28 प्रतिशत में भी पेट्रोल को शामिल किया जाए तो पेट्रोल पर 17.11 रूपए GST लगेगा और पेट्रोल 18.50 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा, वहीं डीजल को भी GST के अधिकतम 28% स्लैब में लाया जाए तो डीजल पर 16.99 रूपए प्रति लीटर GST लगेगा और डीजल 11.92 रूपए प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा।
गौरतलब है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग होती रहती है। अब ऐसे में एक बार फिर यह मांग तेज हो गई है 18 फरवरी को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक होगी। अब ऐसे में सीटीआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी दायरे में लाने की माग की है।