(देवांशी )- PM Modi – अंतरिक्ष का विषय हमेशा से ही रह्स्यमयी विषय रहा है। मानव आदिकाल से ही इसकी गुत्थियों को सुलझाने में लगा हुआ है। जैसे –जैसे विज्ञान और तकनीक का जादु बढता गया, वैसे– वैसे ब्रह्मांड का रहस्य और ज्यादा गहरा होता चला गया। दुनियाभर के वैज्ञानिक समय– समय पर इन रहस्यों को सुलझाने के लिए अलग –अलग तरह की खोज करते है। भारत भी इस क्षेत्र में अपना पूरा योगदान दे रहा है….PM Modi
अपनी कक्षा में घूमते हुए सेटेलाइट पर फिर से ईंधन भरने का लक्ष्य हो या फिर जलवायु परिवर्तन से बिगडती पृथ्वी की सेहत के बारे में जानकारी जुटाना, भारतीय स्टार्टअप हर तरह की सेवांए देने में पूरी तरह से सक्षम है। धीरे धीरे तमाम अवसरों के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र के वैश्विक बाजार में भारत के तमाम स्टार्टअप अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जिससे ना सिर्फ अंतरिक्ष क्षेत्र की खोज में आसानी होगी, बल्कि इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी ये काफी मददगार साबित होगी।
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अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का बढता योगदान
जब से भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र की तरफ ज्यादा ध्यान बढाया, दो साल पहले हुए आर्टमिस करार का भारत जब से हिस्सा बना और प्रधानमंत्री मोदी के हालिया अमेरिका के दौरे के बाद भारत की वैश्विक बाजार तक पहुँच हासिल करने की उम्मीद और ज्यादा बढ़ गई है। भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढती भूमिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में अपना पहला भारतीय स्टार्टअप शुरू किया था। तब से लेकर अब तक 150 से अधिक ऐसे स्टार्टअप उभरे हैं जो रॉकेट और उपग्रहों के निर्माण, अंतरिक्ष यात्रीयों को प्रशिक्षण देने तक सुविधा प्रदान करते है।