PM Modi Ken Betwa River Link : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की आधारशिला रखेंगे जो नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय नीति के तहत पहला कदम होगा।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को बताया कि इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश के 10 जिलों के लगभग 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 44,605 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से दो हजार गांवों के करीब 7.18 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना के तहत 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का भी उत्पादन होगा।
Read also –अमेठी में 120 साल पुराने मंदिर पर कब्जे की शिकायत, जांच के आदेश
सीएम यादव ने कहा कि ‘इस परियोजना की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर जिले के खजुराहो में आएंगे। ये परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल देगी।प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को साकार करने की पहल की है।इस परियोजना से किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा और पेयजल तथा औद्योगिक उपयोग के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।साथ ही इससे इलाके के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए मौके पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे करीब सात लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि केन-बेतवा परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा मिलेगी और 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई को स्थिर किया जाएगा जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों को फायदा होगा।इस परियोजना में मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में ऐतिहासिक चंदेलकालीन विरासत तालाबों को बचाने का काम भी शामिल है, जहां बरसात के मौसम में जल संग्रहण किया जा सकेगा।
Read also- जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बड़ा हादसा, खाई में सेना की गाड़ी गिरने से 5 जवान हुए शहीद
यादव ने कहा कि दौधन जलाशय पन्ना बाघ अभयारण्य में जंगली जानवरों को साल भर पीने का पानी उपलब्ध कराएगा। वन पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करेगा और उत्तरप्रदेश के बांदा जिले को बाढ़ के खतरे से राहत दिलाएगा।उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में मौजूदा जल संकट खत्म होगा और रोजगार के लिए पलायन पर भी रोक लगेगी।परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में 22 मार्च 2021 को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।