प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में SAI इंदिरा गांधी खेल परिसर में पहले बोडोलैंड महोत्सव का उद्घाटन करेंगे और इस अवसर पर एक सभा को भी संबोधित करेंगे। ये जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से दी गई है।
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आपको बता दें, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में ये जानकारी देते हुए कहा था कि दो दिवसीय बोडोलैंड महोत्सव शांति बनाए रखने और एक जीवंत बोडो समाज बनाने के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति पर आधारित एक बड़ा आयोजन है। इसका उद्देश्य न केवल बोडोलैंड बल्कि असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल और पूर्वोत्तर के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों के अन्य हिस्सों में रहने वाले स्वदेशी बोडो लोगों को एकीकृत करना है।
महोत्सव का विषय “समृद्ध भारत के लिए शांति और सद्भाव” है, जिसमें बोडो समुदाय के साथ-साथ बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अन्य समुदायों की समृद्ध संस्कृति, भाषा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका उद्देश्य बोडोलैंड की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत, पारिस्थितिक जैव विविधता और पर्यटन क्षमता की समृद्धि का लाभ उठाना है।
इस महोत्सव को लेकर PMO ने अपने बयान में बताया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि ये महोत्सव प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से सुधार और लचीलेपन की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाने को लेकर भी है। शांति समझौते ने न केवल बोडोलैंड में दशकों से चले आ रहे संघर्ष, हिंसा और जानमाल के नुकसान को हल किया, बल्कि अन्य शांति समझौतों के लिए उत्प्रेरक का काम भी किया। “भारतीय विरासत और परंपराओं में योगदान देने वाली समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपरा और साहित्य” पर सत्र महोत्सव का मुख्य आकर्षण होगा और समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपराओं, भाषा और साहित्य पर विचार-विमर्श होगा। साथ ही “राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के माध्यम से मातृभाषा माध्यम की चुनौतियों और अवसरों” पर एक सत्र भी आयोजित किया जाएगा।
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बोडोलैंड क्षेत्र के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “स्वदेशी सांस्कृतिक बैठक और संस्कृति और पर्यटन के माध्यम से ‘जीवंत बोडोलैंड’ क्षेत्र के निर्माण पर चर्चा” पर एक विषयगत चर्चा आयोजित की जाएगी। इस समारोह में बोडोलैंड क्षेत्र, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, भारत के अन्य भागों तथा पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान से 5,000 से अधिक सांस्कृतिक, भाषाई और कला प्रेमी शामिल होंगे।