PM Modi: त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने अपने मंत्रियों और सांसदों के साथ पियार्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके बाद उन्हें समारोहपूर्वक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह पीएम मोदी की इस कैरिबियाई देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है और 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा भी है।इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।
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प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने पीएम मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किये जाने का भी एलान किया पीएम मोदी को यह सम्मान उनकी भारत और वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।पोर्ट ऑफ स्पेन में पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उनकी साहस और धैर्य की कहानी को सराहा। उन्होंने कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा प्रेरणादायक है, जिन्होंने 180 साल पहले कठिन परिस्थितियों में इस देश में अपनी पहचान बनाई।
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पीएम ने भोजपुरी चौताल के प्रदर्शन को देखा और इसे भारत, खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक बताया। उन्होंने ‘भारत को जानो’ क्विज के विजेताओं से भी मुलाकात की।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब तारों को गिनने तक सीमित नहीं है, बल्कि आदित्य मिशन के जरिए उनके पास पहुंच रहा है। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो को यूपीआई अपनाने के लिए बधाई दी और इसे वेस्टइंडीज की गेंदबाजी से भी तेज बताया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया, जो दोनों देशों के गहरे सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे, जो दोनों देशों की लोकतांत्रिक परंपराओं को दर्शाता है। यह भी खास है कि त्रिनिदाद और टोबैगो की 45% आबादी भारतीय मूल की है, जिनमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। इस दौरे से भारत की डायस्पोरा कूटनीति को और बल मिलेगा।