PMLA Case: प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के विभिन्न प्रवधानों को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज 27 जुलाई को फैसला सुनाया गया। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट की तरफ से PMLA के तहत गिरफ्तारी के ED के अधिकार को बरकरार रखा गया है। कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सभी कड़े प्रावधानों को सही ठहराते हुए कहा कि, ईडी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, रेड, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्ति, संपत्तियों की कुर्की और जुड़वां जमानत की शर्तें बरकरार रहेगी। आरोपी को ईसीआईआर (ECIR) देना अनिवार्य नहीं है। हालांकि गिरफ्तारी की वजह बताना होगा।
SC ने PMLA के कड़े प्रावधानों को ठहराया सही
आपको बता दें कि, विपक्ष ने PMLA के कई प्रावधानों को कानून और संविधान के खिलाफ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर आज बुधवार को सुनावई हुई। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज दिया और कानून को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि, ED की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है, साथ ही आय, तलाशी और जब्ती, गिरफ्तारी की शक्ति, संपत्तियों की कुर्की और जुड़वां जमानत शर्तों की विस्तृत परिभाषा के संबंध में PMLA के कड़े प्रावधानों को भी सही ठहराया है।
सिर्फ गिरफ्तारी की वजह बताना काफी है
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को ईसीआईआर देना अनिवार्य नहीं है, गिरफ्तारी के दौरान सिर्फ कारणों का खुलासा करना ही काफी है। कोर्ट ने कहा, ईडी मैनुअल को भी प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक आंतरिक दस्तावेज है। SC से फैसला सुनाते हुए कहा कि, मनी लॉन्ड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है, उसे मूल अपराध के साथ जोड़ कर ही देखने की दलील खारिज की जा रही है। साथ ही यह भी कहा कि, सेक्शन 5 में आरोपी के अधिकार भी संतुलित किए गए हैं। ऐसा नहीं है कि, सिर्फ जांच अधिकारी को ही पूरी शक्ति दे दी गई है।
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