Politics: एक देश एक चुनाव विधेयक पर जे. पी. नड्डा ने दी ये प्रतिक्रिया, सूबे में गरमाई सियासत

One Nation One Election:

One Nation One Election: राज्यसभा में नेता सदन और बीजेपी के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की पूववर्ती सरकारों के अनुच्छेद-356 के बार-बार किए गए दुरुपयोग के इतिहास को देखते हुए सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक लाने का फैसला किया है।भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर राज्यसभा में हो रही चर्चा के दूसरे दिन बहस को आगे बढ़ाते हुए नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान की भावना को बदलने और उसे पुन: लिखने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

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आपातकाल पर कही ये बात-  उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी से भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर इस साल 25 जून को आयोजित होने वाले ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम में प्रायश्चित स्वरूप शामिल होने का आह्वान किया।नड्डा ने कहा, ‘‘आज आप ‘एक देश, एक चुनाव’ के विरोध में खड़े हो रहे हैं। आपके कारण ही ‘एक देश, एक चुनाव’ लाना पड़ रहा है। क्योंकि 1952 से 1967 तक देश में एक साथ ही चुनाव होते थे। आपने (कांग्रेस) अनुच्छेद 356 के इस्तेमाल से राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बार-बार गिराया और ऐसा करके आपने कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव की स्थिति लाकर खड़ी कर दी।’’

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संविधान की गौरवशाली यात्रा का जिक्र किया – बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने अनुच्छेद 356 का 90 बार इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आठ बार, इंदिरा गांधी ने 50 बार, राजीव गांधी ने नौ बार और मनमोहन सिंह ने 10 बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया।उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा में इन बातों का भी जिक्र होना चाहिए। (लोगों को) पता चलना चाहिए कि आपने किस तरीके से चुनी हुई सरकारों को एक बार नहीं बारम्बार गिराया और देश को मुसीबत में डालने का काम किया।’’

कांग्रेस की सरकारों के किए गए विभिन्न संविधान संशोधनों का उल्लेख करते हुए नेता सदन ने कहा कि क्या देश को कोई खतरा था कि देश पर आपातकाल थोपा गया। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं… देश को खतरा नहीं था, कुर्सी को खतरा था। किस्सा कुर्सी का था, जिसके लिए पूरे देश को अंधकार में डाल दिया गया।’’

आपातकाल के दौरान प्रजातंत्र का गला घोंटने का.. नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य कहते हैं कि उनके नेताओं ने आपातकाल को एक गलती के रूप में स्वीकार कर लिया है, लिहाजा बार-बार इसका जिक्र नहीं किया जाना चाहिए।बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास हुआ। अगर आपके दिल में कहीं भी प्रायश्चित है तो मैं आह्वान करता हूं…और आपको समय से पहले बताता हूं… 25 जून 2025 को लोकतंत्र विरोधी दिवस कार्यक्रम में आप शामिल हों।’’उल्लेखनीय है कि पिछले साल सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में घोषित किया था।

संविधान अच्छा सिद्ध होगा – देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की अवधि आपातकाल की अवधि थी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने महत्त्वपूर्ण कार्यपालिका और विधायी परिवर्तन लागू करने के लिये संविधान में विशेष प्रावधानों का इस्तेमाल किया था। नड्डा ने संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर का हवाला करते हुए कहा कि उन्होंने कहा है कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, यदि संविधान को मानने वाले लोग खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान खराब सिद्ध होगा और दूसरी तरफ अगर संविधान को मानने वाले लोग अच्छे हुए तो संविधान अच्छा सिद्ध होगा।

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